आगरा। कुश्ती के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छूने को बेताब आगरा की बेटी श्वेता पारस ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के रीजनल सेंटर लखनऊ में ज्वाइन कर लिया। जहां वह अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहलवानी की तकनीकियों को सीखेगी। वहां यह सबसे कम उम्र की महिला पहलवान हैं। देश के विभिन्न जनपदों से आईं महिला पहलवानों के साथ प्रशिक्षक के दिशा निर्देशों में अभ्यास करेगी। उम्मीदों से लवरेज श्वेता का कहना है कि आगरा की कुश्ती को अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाने का सपना है।
छोरी छोरों से कम नहीं
श्वेता के पिता सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस कहते हैं की शुरुआत में बिटिया की कुश्ती को लेकर लोगों ने आलोचना की थी। कहा था कि यह मर्दों का खेल है लड़की नहीं खेल पाएगी। इसके हाथ पैरों में चोट लग जाएगी तो जीवन बर्बाद हो जाएगा लेकिन श्वेता ने इस चुनौती को स्वीकार किया और पुरुष पहलवानों के बीच कुश्ती सीखना शुरू किया। आठ महीनों के अभ्यास में ही उन्होंने जिले से लेकर राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में छह गोल्ड मेडल जीते। जिसके आधार पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रीजनल सेंटर लखनऊ में प्रशिक्षण के लिए उनका चयन हो गया। नरेश पारस कहते हैं।
कि हमारी छोरी छोरों से कम नहीं है। बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उत्सवर्धन की जरूरत है। श्वेता से प्रेरणा लेकर निश्चित ही अन्य लड़कियां कुश्ती के खेल में आगे आएंगी। उन्होंने कहा कि लड़कों को काबिल बनाने के लिए हर कोई दूध, घी और बादाम खिलाता है लेकिन लड़कियों को पर कोई ध्यान नहीं देता है। नरेश पारस ने श्वेता को ड्राई फ्रूट्स खिलाने के साथ-साथ वह उसे अभ्यास कराने के लिए खुद हर रोज एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम ले जाते थे। पुरुषवादी सोच को बदलने का प्रयास किया।
कुश्ती प्रेमियों ने जताया हर्ष
श्वेता का चयन होने पर कुश्ती प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई। आगरा की कुश्ती को उम्मीदों के नए पंख मिल गए हैं। श्वेता के चयन पर जिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष नितेश शर्मा, सचिव नेत्रपाल सिंह चाहर, प्रशिक्षक पुष्पेंद्र सिंह, एमडी खान, अजय चाहर, रवि चाहर एवं दुर्गेश बघेल ने हर्ष जताते हुए कहा है कि श्वेता निश्चित तौर पर पूरे देश में कुश्ती के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगरा का नाम रोशन करेगी। इससे शहर वासियों को बहुत उम्मीदें हैं।