संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। भीषण आग उगलती गर्मी में गौवंश प्यासे भटक रहें हैं। ममवेशी पानी के लिए बेहाल हैं, जिसके कारण उन्हें इधर, उधर भटकना पड़ रहा है। ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से मनरेगा के जरिए तालाब खुदवाए गए जो सूखे पड़े हैं। उनमें धूल उड़ती नजर आती है। मवेशी पानी के लिए इधर, उधर भटकते हुए देखे जाते हैं। जहां कहीं भी गड्ढों में हल्का फुल्का पानी दिखा तो यह मवेशी अपनी प्यास बुझाने के लिए टूट पड़ते हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में गहराता पानी का संकट लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि रसिन बांध से निकली बदौसा माइनर, महुराई माइनर व तरसूमा माइनर भी सूखी पड़ी हुई हैं। इन नहरों में पानी की बूंद तो दूर धूल के सिवा कुछ नहीं हैं।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि ग्राम पंचायतों के सचिवों को अपने-अपने क्षेत्रों के तालाबों को भरवाने व नहरों में पानी छुड़वाने के लिए निर्देशित किया था। जिस पर पूर्णता अमल नहीं नजर आ रहा। यदि यही स्थिति रही तो निरूसंदेह इस आग उगलती भीषण गर्मी के बीच पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी और संभव है कि पानी के लिए भटकते अन्ना मवेशी भी दम तोड़ते नजर आएंगे।