संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। भीषण गर्मी में बांदा में हाहाकार है। बिजली विभाग नें आपूर्ति दुरुस्त रखने में अपने को लाचार महसूस कर रहा है। ऐसे में जिला मुख्यालय की जनता को बिजली विभाग के अभियंता कांता प्रसाद की याद सता रही है। जो रात -दिन कड़ी मेहनत से आपूर्ति व्यवस्था को पटरी पर लाने को तत्पर रहते थे। वह वर्तमान में अतर्रा की व्यवस्था एक साल से देख रहे है। यहां “शहरी जनता कांता प्रसाद के लिये सिसिकियां भरा गीत गा रही की तेरी याद आ रही है”।
खैर ,जिला मुख्यालय की आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। जम्फर और फ्यूज उड़ने की होड़ सी मच गई है। इन स्थितियों में बिजली विभाग कबड्डी कबड्डी कर रहा है। दो दिनों में शहर में 26 ट्रांसफार्मरों के जंफर और फ्यूज उड़ गए। इससे हजारों लोग गर्मी से बेहाल रहे। कई मोहल्लों में ओवरलोड व गर्मी के चलते केबल जल गए। गंगानगर मोहल्लों में ट्रांसफार्मर फुंकने से 24 घंटे लोग बिना बिजली रहे। ट्रांसफार्मर नहीं बदला तो रात में ही तुलसीनगर उपकेंद्र पहुंच गए और हंगामा किया। रिवैंप योजना का काम होने से दिन में आठ घंटे बिजली नहीं आई।
बीते दो दिनों का कुछ उदाहरण जानें। महेश्वरी देवी मंदिर के पास लगे ट्रांसफार्मर का जंफर उड़ गया। करीब दो घंटे तक लोग गर्मी में परेशान रहे। सेढ़ू तलैया में करीब आठ बजे केबल जलने से बिजली ठप हो गई। रात 10 बजे केबल जोड़ा गया। इसके बाद भी बिजली की आवाजाही लगी रही। सुतरखाना, बिजली खेड़ा, छोटी बाजार में भी ओवरलोड होने से ट्रांसफार्मरों के फ्यूज उड़ गए। मर्दननाका में टेलीफोन टाॅवर के पास 25 केवी ट्रांसफार्मर का बेस जलने से लोग रात में चार घंटे बिजली के लिए तरसते रहे। गुरुवार को यही दिक्कत और रोना बदस्तूर जारी रहा। फील्ड में काम कराने वाले विभागीय अफसर फोन नहीं उठाते। नकारा और निकम्मी व्यवस्था को को पटरी पर लाने के लिये कांता प्रसाद एवं उनके सरीखे अफसरों की जिला मुख्यालय पर जरूरत है।