संवाद।विनोद मिश्रा
बांदा। जिले में आयुर्वेद की प्रतिबंधित दवाओं की बेखौफ बिक्री चालू है। इन पर जांच और रोक सब गोल है।
आयुर्वेद की 10 दवाएं नकली और 22 दवाओं में एलोपैथिक दवाओं की मिलावट पाए जाने पर प्रदेश के आयुर्वेद निदेशक ने इन सभी 32 दवाओं की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा रखी है।
पूरे प्रदेश में 32 दवाओं के उत्पादन, परिवहन एवं बिक्री पर तत्काल पिछले माह तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई थी। विभिन्न जनपदों से लिए गए नमूनों में ज्वाला दाद, रूमो प्रवाही, सुंदरी कल्प सीरप, त्रयोदशांक गुग्गुल, वेदान्तक बटी, एसीन्यूट्रा लिक्विड, आंवला चूर्ण, सुपर सोनिक कैप्सूल, बोस्टा- 400 टेबलेट एवं बायना प्लस कैप्सूल नकली पाए गए हैं।
इनके अलावा मिलावटी दवाओं मे विश्वास गुड हेल्थ कैप्सूल आयुर्वेदा में बीटा मैथोसीन, पेननिल चूर्ण में आइबोप्रोफेन, एज-फिट चूर्ण में बीटामैथासोन, अर्मत आयुर्वेदिक चूर्ण में प्रेडनिसोलोन, स्लीमेक्स चूर्ण में प्रेडनिसोलोन, दर्द मुक्ति चूर्ण मे डाइक्लोफेनिक, आर्थोनिल चूर्ण में डाइक्लोफेनिक आइबोप्रोफेन, योगी केयर में बीटामैथासोन, माइकान गोल्ड कैप्सूल में प्रेडनिसोलोन, डाइबियंट शुकर केयर टैबलेट मे ग्लीम्पैराइड, हाई पावर मूसली कैप्सूल में सिलिडिनाफिल. डाइबियोग केयर मे ग्लीम्पैराइड, झंडू लालिमा ब्लड एंड रिकन प्यूरिफायर मे फ्लेवरड सीरप बेस आदि की मिलावट मिली है। सिस्टोन सीरप शुगर की मात्रा 40 प्रतिशत से अधिक, लिव-52 में शास्त्रीय औषधि मंडूर भस्म का मिश्रण मिला था।
इन स्थितियों और जांच के निर्देश के बावजूद औषधि प्रशान की यहां खामोशी आश्चर्य जनक एवं सवालों के घेरे में है।