संवाद -मोहम्मद नज़ीर क़ादरी
अज़मेर ।डॉ गीतांजलि ने अपने व्याख्यान में वातावरण पर हुए प्रभावों का मानव जीवन पर होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी, उनके अनुसार आज की दिनचर्या एवं परिवर्तित जीवन शैली का वातावरण पर दुष्प्रभाव पड़ा है वह मानव जीवन को अत्यधिक प्रभावित कर रहा है। यदि हम आज सजग नहीं हुए तो आगे आने वाली पीढियोंं को इसके गंभीर दुष्परिणाम भोगने होंगे ।
डॉ गीतांजलि ने महाविद्यालय के संकाय सदस्यों एवं छात्रों को इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च द्वारा अनुसंधान के क्षेत्र में किया जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी, उन्होंने बताया कि भारत सरकार मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में काफी शिद्दत से काम कर रही है तथा इसे प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं का संचालन भी कर रही है यह योजनाएं संकाय सदस्यों तथा छात्रों के हित में है और उन्हें अनुसंधान एवं शिक्षा के क्षेत्र में धनराशि भी उपलब्ध कराती है यह कार्यक्रम संपूर्ण वर्ष सतत चलते रहते हैं। उन्होंने महाविद्यालय के सभी लोगों से आग्रह किया कि वे सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अनुसंधान कर हम लोगों को फायदा पहुंचाएं।
प्रधानाचार्य डॉ वीर बहादुर सिंह ने इस महाविद्यालय में अनुसंधान की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिए जाने के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया, साथ ही सभी लोगों से आग्रह किया कि चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान की बहुत महत्वपूर्ण आवश्यकता है और सभी को इस बाबत अपना संपूर्ण प्रयास करना चाहिए।
समारोह के प्रारंभ में डॉ मनीराम कुमार विभागाध्यक्ष मेडिसिन ने डॉ गीतांजलि का परिचय कराया तथा डॉ अनिल सांवरिया ने समारोह में धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ एस के भास्कर, डॉ श्याम भूतड़ा, डॉ गीता पचौरी, अधीक्षक डॉ अरविंद खरे, डीन एकेडमिक एवं रिसर्च डॉ संजीव महेश्वरी तथा अन्य कई वरिष्ठ विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं छात्र उपस्थित थे।
इस महाविद्यालय के पूर्व वरिष्ठ चिकित्सक डा आरके गोयल, डॉ एसके अरोड़ा तथा डॉ सुरेश मेरतवाल ने भी समारोह में भाग लिया और महाविद्यालय में पहली बार इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए प्रधानाचार्य डॉ वीर बहादुर सिंह को बधाई दी ।