लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अहंकारी और तानाशाह करार दिया जा रहा था। अब लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद जिस तरह संघ परिवार के नेता प्रधानमंत्री और भाजपा पर हमले कर रहे हैं और चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को अहंकार का नतीजा बता रहे हैं उससे विपक्ष उत्साहित नजर आ रहा है। हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि एक सच्चे ‘सेवक’ में अहंकार नहीं होता और वह ‘गरिमा’ बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है। अब आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा है कि भगवान राम ने भाजपा को सबक सिखाया है क्योंकि वह अहंकारी हो गयी थी। हम आपको यह भी बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी पत्रिका आर्गेनाइजर ने भी कहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के ‘अति आत्मविश्वासी’ कार्यकर्ताओं और कई नेताओं का सच से सामना कराने वाले हैं। पत्रिका के मुताबिक, नेता और कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आभामंडल के आनंद में डूबे रह गए और उन्होंने आम जन की आवाज को अनदेखा कर दिया।
जहां तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता इंद्रेश कुमार के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो पार्टी राम की पूजा करती थी, वह अहंकारी हो गई, ऐसे में 2024 के चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी बन तो गयी, लेकिन जो उसे सत्ता (अकेले पूर्ण बहुमत) मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान राम ने अहंकार के कारण रोक दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग राम का विरोध करते थे, उनमें से किसी को भी सत्ता नहीं मिली, यहां तक कि सभी को मिलाकर दूसरे नंबर पर खड़ा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि भगवान का न्याय बड़ा सत्य है, बड़ा आनंददायक है। उन्होंने स्पष्ट रूप से सत्तारुढ़ भाजपा और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन दोनों पर निशाना साधा। हालांकि, उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया।
इंद्रेश कुमार ने कहा, “लोकतंत्र में रामराज्य का ‘विधान’ देखिए, जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, वह पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन जो वोट और सत्ता (अकेले पूर्ण बहुमत) मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान ने अहंकार के कारण रोक दिया।’’ उन्होंने कहा कि भक्ति करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई, उसे 241 पर ही भगवान ने रोक दिया, लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया और जिनकी राम में आस्था नहीं थी, उन सबको मिलकर भगवान ने 234 पर रोक दिया। हम आपको बता दें कि इंद्रेश कुमार जयपुर के पास कानोता में ‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘जिसने लोगों पर अत्याचार किया, राम जी ने उससे कहा कि पांच साल आराम करो, अगली बार देखेंगे कि तुम्हारे साथ क्या करना है।’’ उन्होंने कहा कि राम ने सबको न्याय दिया, देते हैं और देते रहेंगे, राम हमेशा न्यायप्रिय थे और रहेंगे।
इंद्रेश कुमार ने यह भी कहा कि राम ने लोगों की रक्षा की और साथ ही रावण का भला भी किया (यहां तक कि उसे मारकर भी)। उन्होंने कहा कि भगवान हनुमान ने कहा था कि ‘राम से बड़ा राम का नाम’ (राम का नाम उनसे भी बड़ा है)। आरएसएस नेता ने कहा कि राम हर 100 साल में अपने राज्य में अश्वमेध यज्ञ करते थे, ताकि उनके राज्य में कोई भूखा न रहे, कोई वंचित न रहे, कोई शिक्षा के बिना न रहे, कोई दुखी न रहे। उन्होंने कहा कि राम का जितना बड़ा राज्य था, आज तक किसी का नहीं हुआ।
बहरहाल, इंद्रेश कुमार के बयान पर विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रयाएं आनी शुरू हो गयी हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि इंद्रेश कुमार ने यह तो सही कहा है कि भाजपा में अहंकार है लेकिन उन्होंने विपक्ष के बारे में गलत टिप्पणी की है। दूसरी ओर अयोध्या के साधु संतों ने भी परोक्ष रूप से इंद्रेश कुमार और मोहन भागवत की टिप्पणियों का समर्थन कर भाजपा को सकते में डाल दिया है।
साभार। प्रभासाक्षी