पीड़ितों की वेदना में सीएम योगी में लगाया आर्थिक मदद व संवेदना का मरहम
जम्मू के शिवखोड़ी में हुए आतंकी हमले में घायलों को दी एक-एक लाख रुपये की मदद
गोरखपुर। दुख और विपदा की घड़ी में हर व्यक्ति के साथ एक अभिभावक जैसे खड़े रहना, उसकी वेदना में संवेदना के साथ भरपूर मदद करना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली की विशिष्ट पहचान है। पीड़ितों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और आत्मीयता का सजीव दर्शन रविवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में एक बार फिर देखने को मिला। बीते दिनों कुवैत में हुए एक अग्नि हादसे में जान गवाने वाले गोरखपुर के दो कामगारों के परिजनों और जम्मू के शिवखोड़ी में आतंकी हमले में घायल श्रद्धालुओं से मिलकर सीएम योगी ने न केवल उनकी पीड़ा पर संवेदना का मरहम लगाया बल्कि आर्थिक सहायता देकर उन्हें आश्वस्त किया कि उनके रहते किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
गत दिनों कुवैत में एक बहुमंजिला भवन में आग लगने से करीब चार दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। इनमें गोरखपुर के सदर तहसील क्षेत्र के जटेपुर उत्तरी निवासी अंगद गुप्ता और कैम्पियरगंज तहसील क्षेत्र के भम्मौर निवासी जयराम गुप्ता भी शामिल थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विदेश मंत्रालय और कुवैत में भारतीय दूतावास से संपर्क कर उनके शव को सम्मानपूर्वक उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई। शनिवार को दोनों मृतकों के शव घर आए और ससम्मान अंतिम संस्कार किया गया। रविवार सुबह मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर में दोनों मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना प्रकट की और ढांढस बंधाते हुए उन्हें आत्मीय संबल प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने अंगद गुप्ता की पत्नी रीता देवी और जयराम गुप्ता की पत्नी सुनीता को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक भी प्रदान किया। इस दौरान उन्होंने दोनों परिवारों से कहा कि दुख की इस घड़ी में वह उनके साथ खड़े हैं।
सीएम योगी ने जम्मू के शिवखोड़ी में पिछले दिनों आतंकी हमले में घायल गोरखपुर के पुर्दिलपुरनिवासी राजेश, रिकसोना, भैरोपुर निवासी गायत्री और सोनी को भी एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक दिया। रिकसोना की आर्थिक सहायता का चेक उनके पति राजेश ने प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इन सभी घायलों के स्वास्थ्य लाभ की जानकारी ली और कहा कि सरकार इलाज में कोई कमी नहीं आने देगी। उल्लेखनीय है कि शिवखोड़ी में हुए आतंकी हमले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की टीम को घायलों के इलाज और वहां फंसे श्रद्धालुओं को सकुशल उनके घर वापस लाने के लिए लगाया था।