उत्तर प्रदेशजीवन शैली

साथी यूपी” एवं जनसाहस संस्था में खुलासे से हड़कंप? स्थानीय इकाई अयोध्या तलब!

संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। साथी यूपी जन साहस संस्था की कथित कारगुजारियां खुलते ही नींचे से ऊपर तक हड़कंप है। सूत्रों की बात यदि सही मानी जाये तो “साथी यूपी” की यहां कार्यरत “स्थानीय इकाई को हेड आफिस फैजाबाद” तलब कर लिया गया है। बताते हैं की संस्था की कथित कारगुजारी का जब हमने खुलासा किया तो “साम -दाम -दंड भेद” से दबाने की कोशिश की गई। इसमें समाचार पत्र के संपादक को भी अपने पक्ष में मैनेज करने की कोशिश हुई!”मान जाईये बात मेरे दिल की जान जाइये” तर्ज पर “फील गुड” का गुड़ चखाने की बातें सामने आ रही हैं।

कुछ टुकड़ खोर मीडिया मालिकों को साथ लेने की बातें भी सामने आई हैं !खैर हमें इससे क्या लेना देना। “हमारे पास साथी यूपी की जो कथित कारगुजारी सामने आती है हम खबर के रूप में मसक” देते हैं l इस संस्था के यूपी हेड ललित फोन उठाते हैं तो हम पक्ष भी जानते हैं।दरअसल साथी यूपी संस्था पर कथित तौर यह कहा जा रहा हैं की संविधान की जानकारी देनें के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों में इन्होंने संविधान पर खतरा के नाम पर अप्रत्यक्ष तौर पर इंडिया गठबंधन का सपोट किया? भाजपा का बुंदेलखंड सहित यूपी की चालीस कार्य क्षेत्रों में भट्ठा बैठा दिया?

हालांकि इन कथित आरोपों की हम पुष्टि नहीं करते हैं।फिर भी यह गहन सरकारी जांच का विषय तो है ही ,क्योंकि धुंआ तो तभी उठता है जब आग लगी हो। इस संस्था को करोड़ों की फंडिंग क्यों?इसपर भी प्रश्न उठ रहे हैं। फंडिंग में लूट खसोट की स्थिति हैं? यह संस्थाएं गांव के नाम पर अपनी बदहाली दूर कर रही हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि संस्था कर्मी चुनावों में उसी पार्टी को वोट डालने को कहते हैं जो संविधान बचाने के लिए काम कर रही है।