संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा।जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद नें बताया की केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के जरिये 220 किलोमीटर लंबी बरुआसागर कैनाल बनाई जाएगी। इस कैनाल के माध्यम से ही केन नदी को बेतवा से जोड़ा जाएगा। झांसी में ही इसका आखिरी सिरा बरुआसागर में होगा। यहां से ही बुंदेलखंड के सभी बांधों को भरा जाएगा। कैनाल का निर्माण जल्द आरंभ होगा।जल शक्ति राज्य मंत्री नें यह जानकारी अपने आवास पर औपचारिक भेंट वार्ता में दी।उन्होंने बताया की करीब पचास हजार करोड़ की लागत से प्रस्तावित इस कैनाल का कार्य अब जल्द ही आंरभ होने जा रहा है।
कुछ दिन पहले ही तकनीकी टीम के सदस्यों के साथ बैठक के दौरान इसके कई कार्यों का खाका भी खींचा गया। इसमें बरुआसागर कैनाल की रूपरेखा भी तय हो गई है। करीब 220 किलोमीटर लंबी यह कैनाल पन्ना के दौधन बांध से आरंभ होगी। यहां से होते हुए यह झांसी आएगी और बरुआसागर झील में मिलेगी। यहां से यह पानी पारीछा के पास बेतवा में आएगा। इसके माध्यम से केन नदी को बेतवा से जोड़ा जाएगा। बारिश के समय जो पानी बह जाता है, वह पानी इसके जरिए झांसी के जलाशयों को भरा जाएगा।
मंत्री रामकेश नें बताया की परियोजना के जरिए झांसी मंडल के 23 जलाशयों को जोड़ने की योजना है। झांसी के सपरार, लखेरी, पथरई समेत आठ एवं महोबा के 15 जलाशयों को जोड़ा जाएगा। इसके अंतर्गत सपरार बांध, लखेरी बांध, पथरई बांध समेत स्यावरी झील, मगरवारा झील, कछनेव झील, मगरपुरा एवं अड़जार तालाब शामिल हैं। महोबा के उर्मिल बांध, मउवा तालाब, मझगंवा, कीरत सागर, बेलाताल, खैलारपुरा, दशरथपुरा, टीकामऊ, थाना, रायपुरा, कुलपहाड़, कमालपुरा, कल्याण सागर, बीजानगर एवं मदन सागर तालाब को भी जोड़ा जाएगा।
जलशक्ति राज्य मंत्री रामकेश नें बताया कि इन जलाशयों के केन बेतवा नदी परियोजना से जुड़ने से इनमें साल भर पानी रहेगा। इससे रबी सीजन में किसानों को पर्याप्त पानी मिल सकेगा।