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साथी संस्था की कारगुजारी से क्षेत्रवासी नाराज,मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन,जांच की मांग


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। यूपी साथी संस्था की सरकार विरोधी कार्यप्रणाली से अब क्षेत्र वासियों में भी गुस्सा उबाल मारने लगा है। मुख्य मंत्री को ज्ञापन भेज जांच की मांग की गई है। इसमें संस्था के खिलाफ आंदोलन की भी चेतावनी है। आपको बता दें की बुंदेलखंड के कई जिलों में कार्य कर रही यह संस्था कथित तौर पर गरीब उत्थान के लिए बजाय समाजिक भेदभाव फैलाने के साथ गांव में संविधान बचाओ की बात करके इंडिया गठबंधन का प्रचार प्रसार कर रही है? शनिवार को एक दर्जन से अधिक क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर संस्था के कार्यों व फंड की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।


ज्ञापन में कहा है कि संस्था दलितों और मुसलमानों के बीच पहुंचकर सामाजिक भेदभाव की बातें करके लोगों को भड़काने का काम कर रही है!कहती है संविधान खतरे में है, इसे बचाना है। संस्था कर्मी कहते है कि सरकारी योजनाएं गरीबों तक नहीं पहुंच रही। एक मात्र उन्हीं की संस्था है जो गरीबों को लाभ दिला सकती है। संस्था की इस कारगुजारी से सामाजिक सद्भाव खराब हो रहा है। सरकार की छवि धूमिल हो रही है। संस्था की गतिविधियों व स्टाफ को दी जा रही सैलरी से पिछले पांच वर्षों में संस्था ने सहयोगी संस्थाओं जैसे- पानी, जन साहस के साथ मिलकर 25 करोड़ से ज्यादा पैसा खर्च किया है।

लेकिन क्षेत्र में विकास कार्यों का कोई प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा। “अजीम प्रेमजी फाउंडेशन जैसी संस्थाएं इसे फंड” कर रही हैं!ज्ञापन में कहा गया है कि एक माह के अंदर संस्था के कथित कार्यों की जांच नहीं की गई तो क्षेत्रवासी अशोक लाट पर सत्याग्रह पर बैठेंगे। जो जांच होने तक चलता रहेगा। ज्ञापन देने वालों में राजाराम, बाबूलाल, रामसेवक, महेश, लीला देवी, आरती, धर्मपाल, दिनेश कुमार, देवीदीन, विजय बहादुर, देव कुमार रामरतन सहित तमाम ग्रमीण शामिल रहे।