आगरा। 100 करोड़ से ज्यादा के आश्रम और जमीन, लग्जरी कारों का काफिला, आलीशान आश्रम और 80 सेवादार। यह शानो-शौकत है भोले बाबा की। उस पर बाबा का दावा यह कि वह एक पैसे भी दान नहीं लेता।दरअसल, भोले बाबा की असली कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। वही भोले बाबा उर्फ सूरज पाल, हाथरस में जिसके सत्संग के बाद मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई। सत्संग का आयोजन कराने वाले 22 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। मगर, FIR में बाबा का नाम तक नहीं है। घटना के बाद से वह गायब है। मैनपुरी में उसके आश्रम के बाहर 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं।
चरणों की धूल जिंदगी हलूल
बाबा ने भक्तों से कहा कि मेरे चरणों की रज लेकर जाना बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए पंडाल में दौड़े लोग बाबा ने कहा, मत्थे पर धूल लगाना, समस्या खत्म होगी बाबा अपने पास एक खास पानी होने का दावा करता था बाबा कहता था, इस पानी को पीने से बीमारी खत्म होगी बाबा के पैरों की धूल, पानी लेने के लिए आते थे लोग यूपी, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड से लोग आते थे
बाबा के सेवादार लोगों से दान देने के लिए कहा करते थे धूल और पानी लेने के लिए दौड़े लोग, 121 की मौत हुई।