संवाद / विनोद मिश्रा
बांदा। इन्द्र देव की कृपा से यहां के बांधों की कोख हरी हो गई है। जल वर्षा से कोख भरते ही यह इठलाते हुये उफान मारने लगे हैं। इनका जल अब केन नदी में दौड़ लगाते अठखेलियाँ कर रहा है।
दरअसल मध्य प्रदेश की घाटियों में मूसलाधार बरसात से सूखे पड़े गंगऊ और बरियारपुर बांध उफना गए हैं। बांधों की क्रस्टवाल से उफनाकर करीब 15 हजार क्यूसेक पानी केन नदी में गिर रहा है। जलस्तर बढ़ने से सिंचाई विभाग ने 459 क्यूसेक पानी मुख्य केन नहर में छोड़ा है। जून माह के पहले ही गंगऊ, बरियारपुर और रनगवां बांध/वियर डेड स्टोर हो गए थे।
इतना भी पानी नहीं था कि नहर चलाई जा सके। उधर, मध्य प्रदेश और बांधों के जल संग्रह क्षेत्रों में बारिश ने हालात बदल दिए। बांधों का की कोख हरी हो गई। सिंचाई विभाग, बांदा ने सिंचाई के लिए गंगऊ से 9340 और बरियारपुर से 660 क्यूसेक पानी मुख्य केन नहर में चालू कर दिया है। इसके अलावा चिल्लीमल पंप नहर से 60 क्यूसेक और औगासी पंप नहर से 135 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
चित्रकूटधाम मंडल के सभी 13 बांधों में जून से अब तक सर्वाधिक 103 मिमी वर्षा गंगऊ बांध क्षेत्र में हुई है। बांध में 57 फीसदी पानी है। रनगवां में 62 और बरियारपुर में 60 मिमी बारिश अब तक हो चुकी है। चित्रकूट के ओहन बांध में 71 व बरुआ बांध में 50 मिमी पानी बरसा है। चन्द्रावल बांध (महोबा) में 52 मिमी, मौदहा बांध (हमीरपुर) में 55 मिमी बारिश दर्ज की गई है। अन्य बांधों में भी बारिश हुई है।