मोहर्रम आतंकवाद के खिलाफ आंदोलन का नाम है
संवाद। मोहम्मद नजीर क़ादरी
अजमेर : निकटवर्ती ग्राम दौराई में अन्दर वाली इमाम बारगाह में मर्सियाखानी के साथ मजलिस शुरू हुई । मौलाना सैय्यद कोनेन अब्बास ने मजलिस को खिताब फरमाते हुए कहा कि इमाम हुसैन ने मानवता को बचाने के लिए अपना सब कुछ बलिदान किया। उन्होंने कहा कर्बला हक और बातिल कि जंग थी । इमाम हुसैन हक की जंग तभी जीत गए थे, जब यजीदी सिप्हेसालार हुर्र यजीद की लाखों की फौज को छोड़कर मुट्ठी भर हुसैनी लश्कर में अपने बेटों के साथ शामिल हो गए । हुर्र जानते थे इधर मौत ही मिलनी है, लेकिन यहां हक है और यजीद की तरफ बातिल व जहन्नमी लोग हैं। इमाम हुसैन के ग़म को मिटाने के लिए हर दौर में पुरजोर कोशिशे हुई लेकिन ग़म ए हुसैन आम होता चला गया ।
इसी तरहां हुसैनिया बाबुल मुराद में मौलाना तनवीर हैदर व रोजा ऐ मौला अब्बास पर मौलाना जिया अब्बास ने मजलिसों को खिताब किया । ग्राम दौराई में मोहर्रम के सभी धार्मिक प्रोग्राम अन्जूमन जाफरया विकास समिति,अन्जूमन शहीदाने फुरात,व अन्जूमने फाताहे फुरात के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित किये जा रहे हैं।