संवाद। नूरूल इस्लाम
17 जुलाई को यौम-ए-आशुरा मनाया जाएगा
चांद की पहली तारीख से ताजिए बनना शुरू हो गए
कासगंज।इस्लामिक कैलेंडर का नया साल शुरू होने के साथ मुहर्रम की तैयारी शुरू हो गयी है 17 जुलाई को यौम-ए-आशुरा मनाया जाएगा यानी इस्लामिक कैलेंडर की 1446 वी हिजरी चल रही है 17 जुलाई को मुहर्रम जिलेभर में मनाएं जाएंगे इससे पहले शहर कासगंज,सहावर,अमापुर, सिढ़पुरा ,गंजडुंडवारा, पटियाली,भरगैन में मजलिसों का दौर शुरू हो गया है पैगंबर-ए- इस्लाम के नवासे इमाम हुसैन की याद में मजलिस हो रही है करबला की जंग में हुई शहादत को याद कर आखें नम हो जा रही है चांद की तस्दीक होने के बाद दो महीना आठ दिन तक अकीदतमंद मुहर्रम मनाते हैं इस बीच कारीगर आकर्षक ताजिया भी तैयार करने में लगे हैं कस्बा सहावर में मुहल्लों से ताजिया जुलूस निकालने वाले कमेटियां भी पूरी तरह से सक्रीय हो गयी है।कस्बा सहावर निवासी ताजिया बनाने वाले मशहूर कारीगर उस्मान अहमद व जावेद अहमद टेलर लगभग 50 साल से ताजिये बना रहे हैं। उन्होंने बताया पहले हम ताजिए तीन हिस्सों में बनाते थे और ऊंचाई भी काफी होती थी अब एक हिस्से में ही ताजिए को बनाया जाता है।