उत्तर प्रदेशशिक्षा / सरकारी नौकरी

शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाना है, तो आओ मिलकर संवारें सरकारी विद्यालय 

पंजाब की सांझी सिखिया संस्था ने आगरा की विभिन्न संस्थाओं संग किया सरकारी स्कूलों की बेहतरी पर चिंतन 
एक संस्था, एक स्कूल का समूचित विकास पर लिया गया निर्णय, पंजाब के स्कूलों की तरह करेंगे सौंदर्यीकरण
ग्रामीण युवाओं को जोड़कर बनाए जाएंगे स्वयंसेवी, गांव के हर घर तक पहुंचेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
आगरा।  तमाम प्रयासों के बावजूद सरकारी स्कूलों की बेहतरी के उपाय निष्फल हो रहे हैं। स्कूल हैं किंतु शिक्षक गायब हैं, शिक्षक हैं तो बच्चे नहीं पहुंचते। सरकारी विद्यालयों की यथा स्थिति पर चिंतन करते हुए, सांझी सिखिया संस्था द्वारा उनके विकास और विस्तार पर मंथन किया गया।
मंगलवार को खंदारी स्थित होटल लेमन ट्री में पंजाब राज्य की संस्था सांझी सिखिया द्वारा आगरा की विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों संग सरकारी स्कूलों की बेहतरी पर चर्चा रखी गई।
               संस्था के संस्थापक सिमरनप्रीत सिंह ओबरॉय ने बताया कि सरकार विद्यालय खोल रही है, शिक्षकों की भर्ती के साथ-साथ उन्हें अच्छा वेतनमान भी दिया जा रहा है किंतु विद्यालयों तक शिक्षक पहुंचते हैं तो बच्चे नहीं होते, वहीं बच्चे पहुंचते हैं तो शिक्षक नहीं। कहीं छात्रों के लिए किताबें उपलब्ध नहीं होतीं, कभी फर्नीचर सही नहीं होता तो बहुत बार इमारत जर्जर अवस्था में होती हैं। पंजाब में सांझी सिखिया संस्था ने सरकारी विद्यालयों की कायाकल्प करने का बीड़ा उठाया है और इस ओर सकारात्मक कार्य भी हो रहे हैं।
अब संस्था अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर इस ध्येय को आगे ले जाएगी, ताकि वह प्रणाली परिवर्तन पर अपने काम को विस्तारित कर सके। उन्होंने बताया कि स्थानीय ग्रामीण युवाओं को स्वयंसेवी बनाकर उनका सहयोग भी लिया जाएगा।
राम मोहन कपूर (मनोरम बजाज मोटर्स के एमडी) ने कहा कि बदलाव सभी के प्रयास करने से आता है। सभी संगठन मिलकर सोचेंगे तो परिणाम बेहतर पाएंगे।
                 प्रमुख समाज सेवी एवं उद्यमी पूरन डावर ने कहा कि संस्था शिक्षा का वास्तविक महत्व लेकर चल रही है।
आइ सर्व खुशियों के पल संस्था के पीएस ओबरॉय ने कहा कि देश का विकास तब तक संभव नहीं जब तक हर वर्ग तक शिक्षा न पहुंचे। कार्यक्रम का संचालन अनुराग जैन ने किया।
 इस अवसर पर हरविजय सिंह वाहिया, वत्सला प्रभाकर, जगनीत सिंह, मनीष रॉय, डॉ इभा गर्ग, मनीष नागरानी, वंदना टंडन, डॉ एसएस नागपाल, संजय अग्रवाल, दीपक प्रहलाद, सुनील तोमर, एसडी भटनागर, डॉ आरती मेहरोत्रा, एसके शर्मा, मनोज कुमार, मनजीत नागपाल, सीए राकेश जैन, डॉ पारुल भटनागर, शिखा चोपड़ा, मंजू शर्मा, नम्रता, डॉ सतीश अग्रवाल, संजय शर्मा, बृजेश शर्मा, अजय शर्मा, छाया, बबिता, वेद आर्या, सुरेंद्र जैन, अमित गोयल, उमेश तिवारी, सतिन्द्र सिब्बल  आदि उपस्थित रहे।
3 से 80 तक पहुंचा शिक्षा के सेवकों का कारवां
सांझी सिखिया संस्था के संस्थापक सिमरनप्रीत ओबरॉय ने बताया कि वर्ष 2018 में उन्होंने अपने दो दोस्त इशप्रीत और अंकित के साथ मिलकर सांझी सिखिया संस्था फाउंडेशन का आधार पंजाब में रखा था। पंजाब आर्थिक रूप से आज पूरी तरह से पिछड़ चुका है। इसमें सबसे बड़ा कारण वहां की शिक्षा प्रणाली का भी है। शिक्षा के स्तर को सुधारने और हर बच्चे को साक्षार करने के साथ काबिल बनाने का बीड़ा उठाया। चलते− चलते कारवां आज 80 स्वयंसेवियाें का बड़ा परिवार बन गया। सिमरनप्रीत ओबरॉय आगरा के कैलाश विहार निवासी हैं। उनके पिता पीएस ओबरॉय वरिष्ठ नागरिकों की संस्था आइसर्व खुशियों के पल का संचालन करते हैं।