जो कौमे अपने शहीदों को भूल जाती हैं, उनका बजूद खत्म हो जाता है : शाही इमाम पंजाब
लुधियाना,: आज यहां पंजाब की ऐतिहासिक जामा मस्जिद लुधियाना में 10 मुर्हरम यौमे आशूरा के मौके पर जलसे का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी ने की। समारोह की शुरूआत करते हुए कारी मोहतरम साहिब ने पवित्र कुरान शरीफ की तिलावत की और गुलाम हसन कैसर, हस्सान नसीरावादी ने अपना नातिया कलाम पेश किया।
इस मौके पर पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी ने मुसलमानों को संबेाधित करते हुए कहा कि करबला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन शहीद (रजि.) ने इंसानियत को जालिमों के खिलाफ हक की आवाज बुलंद करने का वो सबक दिया है जिसे रहती दुनिया तक याद किया जाता रहेगा।
शाही इमाम ने कहा कि आशूरा का दिन बड़ी ही बरकतों और रहमतों वाला दिन है। उन्होंने कहा कि इस दिन रोजा रखना अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद साहिब सल्ललाहु अलैही वसल्लम की सुन्नत है। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें ज्यादा से ज्यादा इबादत में लगाना चाहिए। शाही इमाम ने कहा कि जो लोग यह समझते हैं कि सिर्फ दान देकर वह रब को राजी करना चाहते हैं तो वह गलत सोचते हैं। दान देने से पहले अपने कर्म अल्लाह के हुक्म अनुसार करने होंगे।
शाही इमाम पंजाब ने कहा कि यौमे आशूरा के दिन ही अल्लाह पाक ने जमीन, आसमान, हवा, पानी, इंसान और हर चीज को बनाया और 10 मुहर्रम यौमे आशूरा के दिन ही कयामत आयेगी। शाही इमाम ने कहा कि आज के दिन हमें अपने घर वालों पर दिल खोलकर खर्च करना चाहिए और इस दिन गरीबों की मदद भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी मुसलमान किसी यतीम को अच्छा खाना खिलाता है, अच्छे कपड़े पहनाता है और बाद में उसी यतीम के सिर पर प्यार से हाथ फेरता है तो जितने भी बाल उसके हाथ के नीचे से निकलेंगे अल्लाह पाक उसको हर बाल के बदले में नेकियां देते हैं।
उन्होंने कहा कि करबला के मैदान में जो कुछ भी हुआ, उससे नौजवान नस्ल को सबक लेना चाहिए। शाही इमाम ने कहा कि हमारे बच्चों को यह जानकारी होनी चाहिए कि इस्लाम धर्म के लिए हजरत इमाम हुसैन (रजि.) ने कैसी-कैसी कुर्बानियां दी हैं, इसलिए हजरत इमाम हुसैन की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि जो कौमे अपने शहीदों को भूल जाया करती हैं, उनका बजूद खत्म हो जाया करता है। शाही इमाम ने कहा कि मुसलमान इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि करबला के शहीदों की कुर्बानियों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन (रजि.) का दर्जा बहुत बड़ा है इमाम हुसैन (रजि.) हजरत मुहम्मद साहिब (स.) के नवासे हैं और हजरत मुहम्मद साहिब सल्ललाहु अलैही वसल्लम को इनसे बहुत प्यार था। उन्होंने कहा कि शहीद सब के होते, वो कौम का सरमाया होते हैं, उन्हें बांटा नहीं जा सकता। शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन (रजि.) ने करबला के मैदान से जो शिक्षा हमें दी है, उस पर अमल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हक की आवाज बुलंद करने वाले, जालिमों के खिलाफ आवाज उठाने वाले ही इमाम हुसैन (रजि.) के सच्चे आशिक हैं।
शाही इमाम ने कहा कि आज यौमे आशूरा का दिन जहां हमें हजरत इमाम हुसैन (रजि.) की कर्बुानियों से सबक देता है, वहीं अपने देश के प्रति भी कुर्बानी देने की प्रेरणा देता है। इस मौके पर शाही इमाम पंजाब ने देश में आपसी भाईचारे और अमन शांति के लिए दुआ भी करवाई।
इस मौके पर मुफ्ती मुहम्मद जमालुद्दीन, मौलाना कारी मुहम्मद इब्राहिम, मौलाना अब्दुल रहमान व जामा मस्जिद के अध्यक्ष मुहम्मद मुस्तकीम आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस मौके पर पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी ने मुसलमानों को संबेाधित करते हुए कहा कि करबला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन शहीद (रजि.) ने इंसानियत को जालिमों के खिलाफ हक की आवाज बुलंद करने का वो सबक दिया है जिसे रहती दुनिया तक याद किया जाता रहेगा।
शाही इमाम ने कहा कि आशूरा का दिन बड़ी ही बरकतों और रहमतों वाला दिन है। उन्होंने कहा कि इस दिन रोजा रखना अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद साहिब सल्ललाहु अलैही वसल्लम की सुन्नत है। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें ज्यादा से ज्यादा इबादत में लगाना चाहिए। शाही इमाम ने कहा कि जो लोग यह समझते हैं कि सिर्फ दान देकर वह रब को राजी करना चाहते हैं तो वह गलत सोचते हैं। दान देने से पहले अपने कर्म अल्लाह के हुक्म अनुसार करने होंगे।
शाही इमाम पंजाब ने कहा कि यौमे आशूरा के दिन ही अल्लाह पाक ने जमीन, आसमान, हवा, पानी, इंसान और हर चीज को बनाया और 10 मुहर्रम यौमे आशूरा के दिन ही कयामत आयेगी। शाही इमाम ने कहा कि आज के दिन हमें अपने घर वालों पर दिल खोलकर खर्च करना चाहिए और इस दिन गरीबों की मदद भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी मुसलमान किसी यतीम को अच्छा खाना खिलाता है, अच्छे कपड़े पहनाता है और बाद में उसी यतीम के सिर पर प्यार से हाथ फेरता है तो जितने भी बाल उसके हाथ के नीचे से निकलेंगे अल्लाह पाक उसको हर बाल के बदले में नेकियां देते हैं।
उन्होंने कहा कि करबला के मैदान में जो कुछ भी हुआ, उससे नौजवान नस्ल को सबक लेना चाहिए। शाही इमाम ने कहा कि हमारे बच्चों को यह जानकारी होनी चाहिए कि इस्लाम धर्म के लिए हजरत इमाम हुसैन (रजि.) ने कैसी-कैसी कुर्बानियां दी हैं, इसलिए हजरत इमाम हुसैन की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि जो कौमे अपने शहीदों को भूल जाया करती हैं, उनका बजूद खत्म हो जाया करता है। शाही इमाम ने कहा कि मुसलमान इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि करबला के शहीदों की कुर्बानियों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन (रजि.) का दर्जा बहुत बड़ा है इमाम हुसैन (रजि.) हजरत मुहम्मद साहिब (स.) के नवासे हैं और हजरत मुहम्मद साहिब सल्ललाहु अलैही वसल्लम को इनसे बहुत प्यार था। उन्होंने कहा कि शहीद सब के होते, वो कौम का सरमाया होते हैं, उन्हें बांटा नहीं जा सकता। शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन (रजि.) ने करबला के मैदान से जो शिक्षा हमें दी है, उस पर अमल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हक की आवाज बुलंद करने वाले, जालिमों के खिलाफ आवाज उठाने वाले ही इमाम हुसैन (रजि.) के सच्चे आशिक हैं।
शाही इमाम ने कहा कि आज यौमे आशूरा का दिन जहां हमें हजरत इमाम हुसैन (रजि.) की कर्बुानियों से सबक देता है, वहीं अपने देश के प्रति भी कुर्बानी देने की प्रेरणा देता है। इस मौके पर शाही इमाम पंजाब ने देश में आपसी भाईचारे और अमन शांति के लिए दुआ भी करवाई।
इस मौके पर मुफ्ती मुहम्मद जमालुद्दीन, मौलाना कारी मुहम्मद इब्राहिम, मौलाना अब्दुल रहमान व जामा मस्जिद के अध्यक्ष मुहम्मद मुस्तकीम आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।