आगरा। नहर वाली मस्जिद के खतीब और इमाम ए जुमा मुहम्मद इकबाल ने कहा कि कुछ दिन पहले “यूपी के मुखिया” ने बड़े ज़ोर से कहा था कि इस बार मुहर्रम और कावड़िया यात्रा में कुछ भी “नया” नहीं होने दिया जाएगा और अब हम सब देख रहे हैं कि मुजफरनगर पुलिस—प्रशासन ने एक ऐसा फरमान जारी किया है कि जो देश की एकता—अखंडता के अलावा संविधान के खिलाफ भी है. पुलिस अधिकारियों ने आदेश जारी कर दुकानदारों से कह दिया कि मुसलमान अपनी दुकान, रेढी व ठेले वालों को अपना नाम लिखने को कहा है। सामान बेचने वालों को अपने ठेलों पर बड़े अक्षरों में उनका नाम लिखना चाहिए। इस आदेश के बाद ढाबों पर काम करने वाले मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। ऐसा फरमान पहले कभी जारी नहीं हुआ, जबकि मुस्लिम पहले भी वहां थे, पहले भी कांवड़ यात्रा निकलती थी लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। ऐसा लगता है कि या तो पुलिस यूपी सरकारी के अधीन नहीं है या सरकार की मौन सहमति ही पुलिस के लिए ऐसा करने का आदेश है। इस बयान से यही पता चलता है। आप देश की अमन—चैन को खत्म कर सांप्रदायिक भावना पैदा करना चाहते हैं। मैं इस हुक्म का पुरजोर विरोध करता हूं।
मुहम्मद इक़बाल आगरा