उत्तर प्रदेशजीवन शैली

खुद से प्यार और आंखाें में चमक होती है आत्मविश्वास की पहचानः सीमा पुरी

स्पाइसी शुगर संस्था ने आयोजित की पर्सनेलिटी एवं स्किल डेवलपमेंट की कार्यशाला
ट्रेनर सीमा पुरी ने बताए उठने− बैठने− चलने और बात करने के आवश्यक गुण
कहा सबसे पहले खुद से प्यार करें, बड़ी− बड़ी सेलिब्रेटी भी कर जाती हैं व्यवहारिक चूक

आगरा। सलीका और अदब तो बरकरार रखिए जनाब, रंजिशें अपनी जगह और सलाम अपनी जगह..व्यवहारिक ज्ञान को इन दो पंक्तियों के साथ जब पर्सनेलिटी एवं स्किल डेवलपमेंट ट्रेनर सीमा पुरी ने बयां तो पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।
अवसर था स्पाइसी शुगर संस्था द्वारा आयोजित पर्सनेलिटी एवं स्किल डेवलपमेंट की कार्यशाला का। शुक्रवार को हरीपर्वत स्थित होटल होलीडे इन में कार्यशाला का आयोजन किया गया। सभागार में जब संस्थापक अध्यक्ष पूनम सचदेवा ने ट्रेनर सीमा पुरी का नाम पुकारा तो प्रवेश करते हुए सीमा ने गर्मजोशी के साथ स्वयं अपना परिचय दिया। स्वयं का परिचय किसी के समक्ष कैसे देते हैं, इससे ही व्यक्तित्व का प्रभाव पड़ता है। ये ज्ञान की पहली कुंजी सदस्यों को मिली। इसके बाद खाने− पीने, उठने− बैठने− चलने से लेकर बात करने और सुनने तक के आवश्यक सुझाव सीमा पुरी ने साझा किये। उन्होंने कहा कि आंखाें में आंखें डालकर देखना आत्मविश्वास दर्शाता है किंतु अति से अधिक हो तो उसे घूरना ही कहा जाएगा। हाथ मिलाने के तरीके से आपके आत्मविश्वास का पता चलता है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले स्वयं से प्यार करें और बात भी करें, तभी आप दूसरों के साथ सहज होकर बात कर सकेंगे। एक इंच कंधे का झुकना आपकी आत्मविश्वास हीनता का परिचय दे सकता है, फिर चाहे आप कितने ही महंगे परिधान और हीरे क्यों न पहने हों। सीमा पुरी ने कहा कि कुछ लोगों को बार− बार गर्दन पर हाथ रखकर बात करने की आदत होती है जबकि ये आदत ये दिखाती है कि आप सामने वाले का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।
सीमा पुरी ने सुझाव दिया कि जब भी किसी से हाथ मिलाएं तो सदैव खड़े होकर अभिवादन करें। पॉइंट आउट करके बात करना बहुत शर्मनाक होता है। उन्होंने कहा कि बड़ी− बड़ी सेलिब्रेटी में बात करने तक के स्किल तक नहीं होते। स्कूल में जेब में हाथ डालकर अभिवावकों का बात करने का तरीका बेहद शर्मनाक होता है। यदि कोइ आपसे झगड़ता है तो उससे सॉरी कहकर वहां से हट जाएं, अपने मन की शांति किसी की वजह से भी खराब न करें।

सीमा पुरी ने कहा कि परिवार हो या आफिस सदैव दूसरों की बात सुनना सीखें। दो लोगों की बातचीत में एक को सुनना चाहिए किंतु सुनना औपचारिक न हो, ध्यान से सामने वाले की बात को सुनना चाहिए। जब कभी किसी से मिलें और साथ में आपका मित्र हो तो सामने वाले का परिचय पहले दें और मित्र का बाद में।
कार्यशाला का समापन करते हुए अध्यक्ष पूनम सचदेवा ने कहा कि व्यक्तित्व निखार के आवश्यक टिप्स सभी सदस्याओं ने पूरे मनोयोग के साथ सुने।
कार्यशाला की व्यवस्थाएं पावनी और चांदनी सचदेवा ने संभालीं।
कार्यशाला में रिंपी, पूजा, कोमिला ने टास्क पूरे किये। एक्टिविटी में गेम में सिमरन, स्नेहा, नीरू, रेनू लांबा, कंजरी शर्मा, नूतन, रितु, रचना, राजश्री मिश्रा, मीनल अग्रवाल, शिम्पू आदि ने सहभागिता की। शिखा जैन ने संचालन किया।