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बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बिजली पैदा करेगा, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे लाखों घरों के लिए सौगात लेकर आया है। इसके मुख्य कैरिज में और सर्विस रोड इटावा से चित्रकूट के बीच जो 1700 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है, उस पर सोलर पार्क विकसित करने का प्लान है। इस 1700 हेक्टेयर जमीन पर 15 से 20 मीटर चौड़ाई के सोलर पार्क विकसित किए जाएंगे. इस योजना को पूरा होने में करीब 2500 करोड़ से अधिक की लागत आने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों को 25 साल के लिए पट्टे पर जमीन दी जाएगी।


बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर्यावरण संरक्षण के बचाव के साथ-साथ लाखों घरों के लिए बिजली भी पैदा करेगा. पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए एक्सप्रेसवे के दोनों किनारो पर 25000 से ज्यादा पौधारोपण किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ 1700 हेक्टेयर जमीन पर उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा सोलर पार्क का निर्माण किया जाएगा। इस सोलर पार्क से 450 मेगावाट बिजली का पैदावार होगा।15-20 मीटर चौड़ाई का सोलर पार्क बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे इटावा से चित्रकूट तक 296 किलोमीटर के मुख्य कैरिज वे और सर्विस रोड के बीच बनाया जाएगा। सोलर पार्क की विकास लागत लगभग 2,500 करोड़ से अधिक होगी।


सोलर पार्क 450 किलोवाट ऊर्जा का उत्पादन करेगा, जो एक लाख घरों को बिजली दे सकेगा। बांदा और जालौन में भी एक्सप्रेस-वे पर औद्योगिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। साथ ही 25,000 पीपल, पाकड़, बरगद, गूलर और नीम के पौधे इसके किनारों पर लगाए जाएंगे।