लखनऊ। जनता की समस्याओं को सुनने और समय पर उनकी समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित कराने के लिए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गुड गवर्नेंस की अपनी प्रतिबद्धता का अनुकरण करते हुए सरकार ने प्रदेश भर की विभिन्न तहसीलों में तैनात उपजिलाधिकारी (एसडीएम) एवं तहसीलदार को अब उसी तहसील में निवास करने का आदेश जारी किया है।
इस आदेश का उद्देश्य यह है कि उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार ज्यादा से ज्यादा समय अपनी तहसील में बिताएं एवं जनसामान्य की समस्याओं को सुनकर निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत उसका निराकरण करने का प्रयास करें। इससे न सिर्फ अधिकारियों की, बल्कि सरकार की छवि में भी सुधार होगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
आकस्मिक जांच की जाएगी
मुख्य सचिव की ओर से मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को जो निर्देश दिए गए हैं, उसके अनुसार जनसमस्याओं का ससमय निराकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार की गुड गवर्नेंस की प्रतिबद्धता के लिए यह आवश्यक है कि तहसील स्तरीय प्रशासन पूरी सजगता व तत्परता से कार्य करें। इस निर्देशन व पर्यवेक्षण को सशक्त बनाने के लिए यह आवश्यक है कि संबंधित तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात हैं, वहीं निवास करें।
तहसील राजस्व प्रशासन के अंतर्गत सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी तरह हो, यह सुनिश्चित करना संबंधित जिलाधिकारी व मंडलायुक्तगण का प्राथमिक दायित्व है। संबंधित जिलाधिकारी व मंडलायुक्तगण यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित तहसीलदार व उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात किए गए हैं, वहीं निवास करें। सभी जिलाधिकारी ईमेल आईडी पर 7 दिन के अंदर इस आशय का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराएंगे। वहीं संबंधित मंडलायुक्त एवं शासन स्तर से इस विषय का आकस्मिक निरीक्षण व जांच भी की जाएगी।
संबंधित तहसीलदार व उपजिलाधिकारी यदि तहसील में निवासरत नहीं पाए गए तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संबंधित जिलाधिकारी का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा। इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।