संवाद/ शरद मिश्रा
बांदा। डीएम नागेंद्र प्रताप किसान क्रेडिट एवं फसल बीमा की समीक्षा की। जरूरी दिशा निर्देशों के साथ बैंक अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर भी चाप चढ़ाई। डीएम नागेंद्र नें किसान क्रेडिट कार्ड के कैम्प आयोजित कर अधिक से अधिक नये केसीसी कार्ड निर्गत किये जायें और पुरानों का नवीनीकरण के निर्देश दिये।
समीक्षा में सामने आया की सहकारी बैंकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड के वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष 50 प्रतिशत एवं व्यवसायिक बैंकों द्वारा 46 प्रतिशत की पूर्ति की गयी है। उन्होंने सभी बैंकों के रीजनल मैनेजर, डिस्ट्रिक्ट कोआर्डिनेटर एवं लीड बैंक मैनेजर को निर्देशित किया कि बैंक शाखावार दिनांक 30 जुलाई तक अधिक से अधिक किसान क्रेडिट कार्डों का निर्गमन एवं पुराने कार्डों का नवीनीकरण कराकर प्रगति रिपोर्ट दें।
डीएम नें निर्देशित किया कि अधिक से अधिक गैर ऋणी कृषकों को बीमा योजना से जोड़ा जाये तथा सभी बैंक यह सुनिश्चित करें कि शतप्रतिशत किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों, जिन्होंने बीमा न कराने का प्रार्थना पत्र नहीं दिया है, उनका प्रीमियम अनिवार्य रूप से कटौती कर बीमा कम्पनी को उपलब्ध करा दी जाये।
डीएम नें दो टूक शब्दों में सभी बैंकों को यह चेतावनी दी कि यदि केसीसी कार्ड धारक जिसने बीमा न कराने का प्रार्थना पत्र नहीं दिया है। का प्रीमियम बैंकों द्वारा न काटे जाने के कारण व किसान बीमा योजना से आच्छादित नहीं होता है तो नियमानुसार सम्बन्धित बैंक क्षतिपूर्ति हेतु उत्तरदायी होगा।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, उपायुक्त एनआरएलएम, बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि, लीड बैंक मैनेजर, रीजनल मैनेजर एवं जिला समन्वयक उपस्थित थे।