अमर क्रान्तिकारी श्री रोशन लाल सूतैल जयंती समारोह में वक्ताओं ने साझा किए उनसे जुड़े संस्मरण
समारोह में प्रख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल के शिष्य रवीश मिश्रा के भक्ति गीतों पर झूमे लोग
आगरा। ब्रिटिश हुकूमत में गुलाम भारत की दशा और स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी लाखों भारतीयों के बलिदान की शौर्य गाथा के बीच कभी तालियों की गूंज तो कभी इंकलाब ज़िंदाबाद के नारे हर किसी को भाव विभोर करता स्वाधीनता संग्राम की स्मृतियों का जीवंत चित्रण, मौका था अमर क्रान्तिकारी श्री रोशन लाल सूतैल जयंती समारोह आयोजन समिति एवं डा. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय, सामुदायिक रेडियो 90.4 आगरा की आवाज द्वारा आयोजित क्रान्तिकारी श्री रोशन लाल सूतैल की 108 वीं जयंती समारोह एवं भजन संध्या का।
गुरूवार को संस्कृति भवन ऑडिटोरियम में आयोजित हुए समारोह का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ मुख्य अतिथि एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, विशिष्ट अतिथि आरएसएस ब्रज प्रांत के प्रांत सामाजिक सद्भाव प्रमुख हरि शंकर शर्मा, आगरा विभाग के प्रचारक आनंद जी, सामुदायिक रेडियो 90.4 आगरा की आवाज निदेशिका अर्चना सिंह, आगरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष टी. एन. अग्रवाल, कवि पवन आगरी, कार्यक्रम संयोजक ब्रजेश कुमार सूतैल एवं सुमन सूतैल ने संयक्त रूप से किया।
इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि पूरन डावर ने कहा कि यह अद्भुत संयोग है कि आज हम अमर क्रान्तिकारी श्री रोशन लाल सूतैल की 108 वीं जयंती और आज़ादी का अमृत महोत्सव एक साथ मना रहे हैं। राष्ट्र भक्ति और ईश्वर भक्ति को समर्पित यह आयोजन इस लिए और ख़ास हो जाता है कि सनातन धर्म 108 मोतियों की माला ही हमारे और ईश्वर के बीच सेतु बनाती है इसी लिए इस आयोजन में इस बार श्री बांके बिहारी की भजन संध्या को शामिल किया गया। साथ ही उन्होंने क्रान्तिकारी श्री रोशन लाल सूतैल से जुड़ी अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि तब उन्होंने आज़ादी की लड़ाई लड़ी आज हमें आर्थिक आज़ादी की लड़ाई लड़नी है, आज तकनीकी युग है इसलिए हम इस लड़ाई को जल्द जीत लेंगे। साल 2047 का जो लक्ष्य रखा गया है वह निश्चित रूप से हम समय से पहले हासिल करेंगेl
इससे पूर्व क्रान्तिकारी स्व. श्री रोशन लाल सूतैल की जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए उनके पुत्र ब्रजेश कुमार सूतैल ने बताया कि किस प्रकार उन्होंने आज़ादी कि लड़ाई में अंग्रेजों के दांत खट्टे किए। तमाम यातनाएं सहीं, जेल गए, काल कोठरी में राते बिताईं। 27 सितंबर 1940 को अपने साथियों के साथ हार्डी बंम कांड को अंजाम दिया। जिसने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया था उनका आज़ादी के संग्राम में योगदान अविस्मरणीय है।
मुख्य वक्ता संघ के प्रांत सामाजिक सद्भाव प्रमुख हरि शंकर शर्मा ने आज़ादी के संघर्ष बलिदानियों की वीर गाथाओं का जिक्र करते हुए आगरा को क्रान्तिकारियों की जन्म भूमि बताया, आगरा विभाग के प्रचारक आनंद कुमार ने लोगों में देश भक्ति का जूनून भरते हुए कहा प्राणों से राष्ट्र बड़ा होता है जब हम मिटते हैं राष्ट्र खड़ा होता है। सामुदायिक रेडियो 90.4 आगरा की आवाज निदेशिका अर्चना सिंह, आगरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष टीएन अग्रवाल इस मौके पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए संचालन राष्ट्रीय खिलाड़ी रीनेश मित्तल ने किया। इसके बाद प्रख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल के प्रिय शिष्य रवीश मिश्रा एवं साथी कलाकारों ने भजन संध्या में एक से एक भक्ति गीत प्रस्तुत किए जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। इस अवसर पर डॉ. शिवानी वशिष्ठ, डॉ. राम नाथ शर्मा, डॉ. शशि शिरोमणि, सुभाष उपाध्याय, नीरज कुमार शर्मा, नरेंद्र लवानिया, सह आयोजक संस्था इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति के महासचिव अजय शर्मा, संयोजक ब्रजेश शर्मा, राजेश कुमारी, जयप्रकाश उपाध्याय, दिनेश शर्मा, अविनाश वर्मा आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
समारोह में पांच स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में उनके परिजनों को किया सम्मानित
- अमर स्वतंत्रता सेनानी उल्फत सिंह चौहान ‘निर्भय’ की पौत्री डॉ. सुनीता चौहान
- अमर स्वतंत्रता सेनानी देवकी नन्दन विभव के पौत्र डॉ. सुशील गुप्ता
- अमर स्वतंत्रता सेनानी वासुदेव गुप्ता के पुत्र अशोक अग्रवाल
- अमर स्वतंत्रता सेनानी पं. प्यारे लाल गुरु, सरेंधी के पौत्र हरिओम शर्मा
- अमर स्वतंत्रता सेनानी राजेंद्र प्रसाद दौनेरिया के पुत्र अरविन्द दौनेरिया
इस दौरान विशिष्ट कार्यक्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए इनको भी किया गया सम्मानित
- स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह, चेयरपर्सन, डाॅ. एमपीएस ग्रुप
- डॉ. वाई.पी. सिंह, वरिष्ठ सर्जन
- इं. उमेश शर्मा, पर्यावरणविद्
- मनोज बोहरे, पुत्र निहाल सिंह जैन (पूर्व सांसद)
- संजय दीक्षित, मिष्ठान व्यवसाई