नई दिल्ली।लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति लगातार सुर्खियों में है।भाजपा को मिली करारी शिकस्त लंबे समय तक सुर्खियों में रही।इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक के बीच अनबन की खबरें आ रही हैं।कहा जा रहा है कि दोनों उपमुख्यमंत्री (केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक) योगी आदित्यनाथ से खुश नहीं हैं। जिससे दोनों डिप्टी सीएम की सीएम से बातचीत नहीं हो रही है।केशव प्रसाद मौर्य एक्स पर अपने पोस्ट के जरिए भी ऐसे बातें कह रहे हैं, जिनके कई अर्थ निकाले जा सकते हैं। इस बीच भाजपा आलाकमान ने सीएम योगी के साथ बैठक तय की है,जिसमें दोनों डिप्टी सीएम भी शामिल होंगे।
सीएम योगी नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं।इस बैठक में पीएम मोदी,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेता मौजूद रहे।यूपी के दोनों डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में हैं। नीति आयोग की बैठक के बाद भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हो रही है।इस बैठक में बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल हैं।
पीएम मोदी और अमित शाह के साथ सीएम योगी की मीटिंग
भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सीएम योगी के साथ बैठक करेंगे।जेपी नड्डा के साथ भी सीएम योगी की बैठक हो सकती है।संगठन महामंत्री बीएल संतोष और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस बैठक में रहेंगे।केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक के भी इस मीटिंग में रहने की संभावना है। लंबे समय बाद ऐसा हो रहा है,जब योगी आदित्यनाथ,केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक एक ही बैठक में शामिल हो रहे हैं। ऐसे में इस बैठक के बाद यूपी की सियासी खींचतान खत्म होने के आसार हैं।
बैठक में शामिल नहीं हुए डिप्टी सीएम
2019 में 62 से 2024 में 33 सीट पर सिमटी भाजपा। सीएम योगी ने हार के कारणों की चर्चा की और पूरी रिपोर्ट बनाकर दिल्ली पहुंचे हैं। हालांकि सीएम की समीक्षा बैठकों से दोनों डिप्टी सीएम गायब रहे। प्रयागराज मंडल की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य और लखनऊ मंडल की बैठक में बृजेश पाठक शामिल नहीं हुए। दोनों डिप्टी सीएम हैं और किसी भी बैठक में शामिल हो सकते हैं। हालांकि प्रयागराज की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य और लखनऊ मंडल की बैठक में बृजेश पाठक को बुलाया गया था। इसके बावजूद दोनों इसमें शामिल नहीं हुए।यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का कहना है कि संगठन नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी देता है। ऐसे में हो सकता है कि डिप्टी सीएम दूसरे कामों में व्यस्त रहने के कारण मीटिंग में नहीं पहुंचे हों। राज्य में योगी की सरकार एकजुट होकर काम कर रही है।