कर्मचारियों ने बिजली न होने के कारण आक्सीजन लगाने से मना कर दिया
संवाद।। तौफीक फारूकी
फर्रुखाबाद, ऑक्सीजन के लिए चार वर्ष की बीमार बच्ची को लेकर परिजन अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे। लेकिन हर जगह से उन्हें निराश होना पड़ा और अंत में बच्ची की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने कायमगंज सीएचसी में हंगामा किया। स्वास्थ कर्मियों ने तीमारदारों पर मारपीट का आरोप लगाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने समझा बुझाकर मामला शांत करवाया।
क्षेत्र के गांव कैमापुर आदित्य कुमार हमीरपुर के राठ में एंबुलेंस पर ईएमटी के पद पर कार्यरत है। उसकी चार वर्षीय पुत्री स्मृति की काफी दिनों से बीमार थी। परिजन प्राइवेट इलाज करा रहे थे। परिजनों के मुताबिक 18 जुलाई को परिजन उसे कायमगंज सीएचसी लेकर आए थे। जहां डाक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद लोहिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था। रविवार की सुबह अचानक फिर उसकी हालत बिगड़ गई। परिजन फिर सीएचसी लेकर दौड़े।
पिता आदित्य कुमार के मुताबिक जहां ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों ने बिजली न होने के कारण आक्सीजन लगाने से मना कर दिया। इस पर परिजन उसे प्राइवेट अस्पताल ले गए। जहां बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे उच्च चिकित्सा के लिए ले जाने को कहा गया। इस पर वह नगर के दूसरे निजी अस्पताल ले गए। लेकिन वहां भी बाहर ले जाने को कहा।
इसके बाद परिजन फिर बच्ची को सीएचसी ले गए। जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत पर पिता के अलावा मां नीतू, चाचा राहुल राजपूत व अन्य परिजन दहाड़े मार कर रोने लगे। परिजन ऑक्सीजन को लेकर हंगामा करने लगे और कहा यदि समय रहते ऑक्सीजन मिल जाता तो बच्ची की जान बच जाती।
इस पर मृतका के तीमारदार व स्वास्थ कर्मियों में नोकझोक हो गई। स्वास्थ कर्मियों ने आरोप लगाया कि तीमारदारों ने कर्मचारियों से हाथापाई की। उन्होंने मौत व मारपीट को लेकर मेमो कोतवाली भेजा। हंगामे की जानकारी पर कस्बा चौकी प्रभारी विद्या सागर तिवारी, एसआई नितिन कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और मामला शांत कराया। जहां परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया और पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। इस पर पुलिस ने शव का पंचनामा भर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।