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आर.बी.एस. कॉलेज तथा आगरा कॉलेज के पूर्व छात्रों द्वारा अपने शिक्षकों के सम्मान में गुरु वन्दन कार्यक्रम का आयोजन

आगरा ।आर.बी.एस. कॉलेज, आगरा तथा आगरा कॉलेज, आगरा के सत्र 1977-78 के एम. एस-सी. (फाइनल) वनस्पति विज्ञान के विद्यार्थीगण एवं राजा बलवंत सिंह महाविद्यालय, आगरा द्वारा अपने शिक्षकों के सम्मान में गुरू वंदन समारोह का आयोजन रावकृष्ण पाल सिंह प्रेक्षागृह, राजा बलवंत सिंह महाविद्यालय, आगरा में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माननीय युवराज अम्बरीश पाल सिंह (कार्यक्रम अध्यक्ष व सचिव बलवंत एजूकेशन सोसाइटी, आगरा), डॉ. धीरेन्द्र पाल सिंह (उत्तर प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार, पूर्व चेयरमैन यूजीसी और आरबीएस कॉलेज के पूर्व छात्र), डॉ. कृष्ण गोपाल (सह सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा आर.बी.एस. कॉलेज एवं आगरा कॉलेज के पूर्व छात्र), प्रोफेसर विजय श्रीवास्तव (प्राचार्य, आर. बी.एस. कॉलेज आगरा), प्रोफेसर अनुराग शुक्ला (प्राचार्य, आगरा कॉलेज आगरा) द्वारा माँ सरस्वती व श्रद्धेय राजा बलवंत सिंह जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन करके किया गया।

इस अवसर पर प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह (उत्तर प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार, पूर्व चेयरमैन यूजीसी और आर.बी.एस. कॉलेज के पूर्व छात्र) ने कहा कि आर.बी.एस. कॉलेज और आगरा कॉलेज के 1977-78 वैच के एम.एस.सी. (वनस्पति विज्ञान) अन्तिम वर्ष बैच के छात्रों द्वारा आयोजित गुरु वंदन कार्यक्रम आयोजन हमारे गुरुओं के प्रति गहरे सम्मान और कृतज्ञता का प्रमाण है, जो हमारे जीवन के मार्गदर्शक रहे जिनकी वजह से हम अपने जीवन में सफलतायें हासिल कर रहे हैं। आर.बी.एस. कॉलेज के पूर्व छात्र के रूप में इस प्रतिष्ठित संस्थान की कक्षाओं से लेकर उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार और यूजीसी के पूर्व चेयरमैन के रूप में मेरी भूमिका तक की मेरी यात्रा मेरे शिक्षकों द्वारा दिये गये ज्ञान, जीवन मूल्यों और प्रेरणा से अत्यधिक प्रभावित हुई है। हमारे शिक्षकों ने न केवल हमें शिक्षा देकर सशक्त किया बल्कि हमारे अन्दर दृढ़ता, ईमानदारी, देशभक्ति और मेहनत करने के गुण डाले जो हमारी सफलता के मूल मंत्र हैं। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षकों ने हमारे मन और आत्मा के विकास के लिए पोषित करने वाले विचारों को दिया और आत्मविश्वास और ज्ञान के साथ दुनिया की हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार किया, जिसका मैं अनुभव आज भी अपने जीवन में करता हूँ।

डॉ. कृष्ण गोपाल (सह सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा आर.बी.एस. कॉलेज एवं आगरा कॉलेज के पूर्व छात्र) ने कहा कि आर.बी.एस. कॉलेज व आगरा कॉलेज दोनों के पूर्व छात्र होने के नाते, आज का यह कार्यक्रम मेरे मन-मस्तिष्क में एक विशेष स्थान रखता है। मेरे शिक्षकों ने मेरे जीवन चरित्र के निर्माण में अथक परिश्रम किया जो मेरे लिये कभी न भूलने वाला विषय है। यह उनकी ही प्रेरणा है कि आज मुझे मेरी मातृभूमि को सब कुछ न्यौछावर करने की प्रेरणा मिली। शिक्षकों ने हमारे बौद्धिक और नैतिक विकास को पोषित किया है। उन्होंने मेरे जीवन को समाज को समर्पित करने की प्रेरणा की जो नींव रखी उसने मुझे ऊँचाइयों तक पहुँचने ओर समाज में सार्थक योगदान देने में सक्षम बनाया। उन्होंने कहा कि भारत का शिक्षक पाश्चात्य दुनिया के शिक्षक से बिल्कुल अलग है क्योंकि वह गुरुता रखता है। शिष्य उसकी गुरुता की वजह से उससे नतमस्तक रहता है। आज अपने शिक्षकों का सम्मान करते हुए हम उनके निःस्वार्थ समर्पण और हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन पर उनके द्वारा डाले गए गहन प्रभाव को पहचानते है। उनका जीवन मूल्य एवं शिक्षापरक उदाहरणों ने न केवल हमें ज्ञान से सुसज्जित किया बल्कि हमारे अन्दर अनुशासन, ईमानदारी, देशभक्ति और सहानुभूति के मूल्य भी डाले। मैं आज सम्मानित किये जा रहे सभी अपने शिक्षकों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। शिक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और आपके आदर्शों का छात्रों के जीवन पर पड़े गहरे प्रभाव की मैं भूरि-भूरि सराहना करता हूँ। हम आपके योगदान के लिये हमेशा आभारी रहेंगे। युवराज अम्बरीश पाल सिंह (कार्यक्रम अध्यक्ष व सचिव बलवंत एजूकेशन सोसाइटी) ने कहा कि शिक्षक हमारे शैक्षणिक संस्थानों के आधार स्तम्भ हैं। शिक्षक का जीवन युवाओं के चरित्र निर्माण करने तथा समाज के भविष्य को आकार देने में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर देता है। शिक्षक का योगदान क्लास रूम टीचिंग से परे हमारे अन्दर मानवीय मूल्यों, हमारे जीवन चरित्र और

हमारी आकांक्षाओं को प्रभावित करता है। मैं इस कार्यक्रम के शानदार आयोजन के लिये वनस्पति विज्ञान के 1977-78 बैच के छात्रों के प्रयासों की सराहना करता हूँ। छात्रों ने अपने पूर्व शिक्षकों को सम्मानित करना तथा उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना वास्तव में सराहनीय है और सम्मानित शिक्षकों द्वारा आपको दिये गये मूल्यों और सिद्धान्तों को दर्शाता है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि सभी का शिक्षकों के प्रति यह सम्मान देश के युवाओं के लिए एक उदाहरण बनेगा। मैं आज सम्मानित होने वाले 14 प्रतिष्ठित शिक्षकों को हार्दिक बधाई देता हूँ। शिक्षा के प्रति उनके अथक प्रयास और अटूट प्रतिबद्धता हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आपने अपने शिक्षक जीवन में छात्रों की कई पीढ़ियों को आकार दिया है और आपकी विरासत हमें प्रेरित करती रहेगी।

प्रोफेसर विजय श्रीवास्तव (प्राचार्य, आर.बी.एस. कॉलेज आगरा) ने कहा कि वर्ष 1977-78 वैच के एम-एस.सी. वनस्पति विज्ञान अन्तिम वर्ष के छात्रों द्वारा प्रेरित इस गुरू वन्दन कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे बहुत गर्व का अनुभव हो रहा है। आज हम अपने प्रिय शिक्षकों के असाधारण योगदान का सम्मान करने के लिए एक साथ आये हैं। शिक्षक हमारी शिक्षा प्रणाली की रीढ़ है। हमारे संस्थान से ऐसे कई उदाहरण हैं कि कैसे एक साधारण से दिखने वाले शिक्षक ने अपने छात्र के अन्दर असाधारण प्रतिभा का विकास कर दिया। शिक्षकों के द्वारा दिये गये योगदान को पहचानने और उन्हें सम्मानित का यह कार्य बहुत ही पवित्र है जिससे हजारों छात्र प्रेरणा लेंगे। आइये हम अपने शिक्षकों द्वारा दिये गए मूल्यों एवं सिद्धान्तोंका अपने जीवन में बनाये रखने का संकल्प करें।

प्रोफेसर अनुराग शुक्ला (प्राचार्य, आगरा कॉलेज आगरा) ने कहा कि छात्र के कौशल और व्यवहार को बदलने में शिक्षक की भूमिका बहुआयामी और महत्वपूर्ण है। यह शिक्षक ही है जो छात्र की व्यक्तिगत शक्तियों और कमजोरियों की पहचान करते हैं और छात्र की कुशलता को बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं। शिक्षक छात्र के शैक्षणिक और व्यक्तिगत मामलों पर मार्गदर्शन प्रदान करते है और छात्रों को चुनौतियों का सामना करने के लिए और लक्ष्य निर्धारित करने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं शिक्षक मार्गदर्शक और रोल मॉडल के रूप में कार्य करके छात्रों में शैक्षणिक, सामाजिक और भावनात्मक प्रतिभा को विकसित करने में मदद करते हैं।

प्रोफेसर जे. एस. धाकरे (पूर्व प्राचार्य एवं शिक्षक आर.बी.एस. कॉलेज) ने कहा कि हमारे जीवन में केवल शिक्षक ही है जो विद्यार्थी को विभिन्न कैरियर के विकल्पों से अवगत कराते हैं और उनके लक्ष्य की प्राप्ति के लिये मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और विद्यार्थी को आजीवन शिक्षार्थी बने रहने के लिए प्रेरित करते हैं। साथ ही शिक्षक विद्यार्थी को आलोचनात्मक ढंग से सोचने और अंधविश्वास पर सवाल उठाने के लिए विद्यार्थी को प्रेरित करता है तथा स्वतन्त्र सोच को बढ़ावा देते हैं।

सम्मानित किये जाने वाले पूर्व शिक्षकों में आर.बी.एस. कॉलेज से डॉ० जे० एस० धाकरे, डॉ. बी.पी.एस. चौहान, डॉ. आर. के. एस. राठौर, डॉ. विजय लक्ष्मी सिंह और आगरा कॉलेज के पूर्व शिक्षकों में से डॉ. अतर सिंह, डॉ. एस. के. सिन्हा, डॉ. एस. के. सिंह, डॉ. सुरेन्द्र सिंह, डॉ. के. डी. शर्मा, डॉ. आर.एम.एस. सैंगर, डॉ. जे. एस. यादव, डॉ. आर. के. सिंह को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही तत्कालीन शिक्षक जो कि सशरीर अब इस जगत में नहीं हैं के परिजनों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूर्व शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किये तथा पूर्व छात्रों द्वारा गुरुवंदन कार्यक्रम के आयोजन पर हर्ष व्यक्त किया।

गुरूवंदन कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर एवं ऑर्गनाइजिंग सैक्रेटरी प्रो. (डॉ.) सीमा भदौरिया (प्राचार्य, बलवंत विद्या रूरल इंस्टीट्यूट) एवं कार्यक्रम का संचालन प्रो. ए. बी. लाल ने किया।

इस अवसर पर प्रो. एन. सी गौतम, प्रो. वीरेन्द्र सिंह चौहान, प्रो. धर्मपाल सिंह, प्रो. (डॉ.) बी. एस. कुशवाह (निदेशक, आर.बी.एस. इंजीनियरिंग टैक्निकल कैम्पस), प्रो. (डॉ.) ए. एन. सिंह (निदेशक, आर.बी.एस. मैनेजमेंट टैक्निकल कैम्पस), प्रो (डॉ.) पंकज गुप्ता (निदेशक, वित्त एवं प्रशासन, आर.वी.एस. इंजीनियरिंग टैक्निकल कैम्पस), डॉ. मनुकान्त शास्त्री, प्रो (डॉ.) पायल गर्ग (निदेशक, वित्त एवं प्रशासन, आर.बी.एस. मैनेजमेंट टैक्निकल कैम्पस), डॉ. निशान्त चौहान, मीडिया प्रभारी प्रो. (डॉ.) डी. एस. यादव, एवं डॉ. आशीष शुक्ला आदि उपस्थित रहे।