उत्तर प्रदेश

विदेशी धरती पर साहित्य सृजन से मिली पहचान 

पुस्तक ‘ बनारस मीट्स बर्लिन’ की लेखिका डा योजना जैन आईं आगरा 
जी डी गोयनका स्कूल में हुई साझा संस्कृति पर साहित्यिक परिचर्चा 
आगरा। जी डी गोयनका साहित्य अकादमी के बैनर तले जो साहित्य के अंकुर रोपे गए उससे स्कूल के कई बच्चों की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । इन बच्चों को देश विदेश से आगरा की धरती पर पधारे अनेक लेखकों का निरंतर मार्गदर्शन मिल रहा है। इसी श्रृंखला में जर्मनी से आईं ‘ बनारस मीट्स बर्लिन’ पुस्तक की लेखिका डा योजना जैन के साथ एक साहित्यिक संवाद बुधवार को स्कूल के हॉल में रखा गया जिसको प्रख्यात कवि पवन आगरी ने मॉडरेट किया।
                         स्कूल प्रिंसिपल पुनीत वशिष्ठ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि विदेशी धरती पर साहित्य सृजन से मिली पहचान ज्यादा अहम होती है। बर्लिन से पधारी डा योजना जैन ने कहा कि संकल्पों की धरती पर जब श्रम के बीज पड़ते हैं तो उससे मीठे फल प्राप्त होना सुनिश्चित है। मॉडरेटर पवन आगरी ने कहा बर्लिन के युवक से बनारस की युवती की प्रेम कथा को उकेरती यह कृति वास्तव में दोनों देशों की साझा संस्कृतियों का मिलन है। इस अवसर पर डा योजना जैन ने स्कूल लाइब्रेरी के लिए आंग्ल भाषा में लिखित ‘ बनारस मीट्स बर्लिन’ के अलावा हिंदी में लिखित  ‘कागज पर फुदकती गिलहरियां’ और ‘ इमली का चटकारा’ पुस्तकें भी प्रिंसिपल पुनीत वशिष्ठ को भेंट की। कार्यक्रम का समन्वय और संचालन राहुल अचलेश गुप्ता ने किया।