उत्तर प्रदेश

नजूल संपत्ति विधेयक का मकसद गरीबों की ज़मीन हड़पकर गुजराती व्यवसायियों को देना है- शाहनवाज़ आलम

 

इसके निशाने पर दलित और पिछड़े आएंगे, जो भाजपा के वोटर नहीं हैं

विधेयक का मकसद शुद्रों और अवर्णों को फिर से भूमिहीन बनाना है

 

लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने बुधवार को विधानसभा से पारित उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक-2024 को गरीब विरोधी बताया है. उन्होंने इसे गरीबों का घर तोड़कर ज़मीन गुजरात के व्यवसायियों को देने का षड्यंत्र बताया है.

कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इस क़ानून के ज़रिये गरीबों के घरों पर बुलडोज़र चलाने को वैधानिकता मिल जाएगी. यह आज़ाद भारत के इतिहास का ज़मीन हड़पने का सबसे क्रूर क़ानून बन जाएगा. जिसका मकसद गरीबों की ज़मीन हथियाकर अंबानी और अडानी को देना है.

उन्होंने कहा कि इसकी सबसे ज़्यादा मार उन दलित परिवारों पर पड़ेगी जिन्हें इंदिरा गाँधी सरकार ने सरकारी ज़मीन देकर बसाया था. यह कांग्रेस से नफ़रत के कारण दलितों से बदला लेने की कोशिश है क्योंकि दलितों ने लोकसभा चुनाव में संविधान बचाने के लिए कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को वोट दिया था.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछले साल ही पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा दलितों की ज़मीन गैर दलितों द्वारा खरीदने पर लगायी गयी रोक को योगी सरकार ने शहरों में विकास में बाधा बताते हुए खत्म कर दिया था. जिसका मकसद शहरों में दलितों को फिर से भूमिहीन बनाना है क्योंकि आत्मनिर्भर शहरी दलित आरएसएस और भाजपा को चुभते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक का सड़क से सदन तक विरोध करेगी.