उत्तर प्रदेश

मोहम्मद रफी साहब की 44 वीं पुण्य तिथि पर रोया आसमान 

मोहम्मद रफी  की यादों ने  भिगोया लाखों आंखों को…
द सिंगर्स क्लब बाय विक्रम शुक्ला के सदस्यों ने गीतों से दी श्रद्धांजलि
आगरा  ।अमर गायक मोहम्मद रफी साहब की 44 वीं पुण्यतिथि को द सिंगर्स क्लब बाय विक्रम शुक्ला ने अनूठे अंदाज में मनाया। क्लब के सदस्यों ने रफी साहब को गीतों के माध्यम से अपने श्रद्धा के पुष्प अर्पित किए।तीन घंटे से अधिक समय तक चलने वाली इस गायन श्रद्धांजलि सभा में 20 अमर गीतों की प्रस्तुतियों के माध्यम से रफी साहब को याद किया गया।उनके जीवन से जुड़ी यादें, रोचक किस्से, जीवन यात्रा के संबध में भी चर्चा की गई ।
                    इस विशेष श्रद्धांजलि गायन सभा का शुभारंभ मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ प्रारंभ हुआ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि 15 वीं बटालियन पीएसी के कमांडेंट नरेंद्र कुमार सिंह  (आई.पी. एस.)थे उनके साथ  टीएससी के मेंटर विक्रम शुक्ला,प्रसिद्ध गायक डॉक्टर के.सी.धाकड़, प्रख्यात ड्रमर डी.के. सचदेवा, एस.पी.सिंह, टीएससी कप्तान मनीषा जी, उप कप्तान लता दौलतानी और छाया शामिल थे।
                   इस श्रद्धांजलि सभा का फेसबुक पर सजीव प्रसारण किया गया जिसमें एंकरिंग विवेक कुमार जैन द्वारा की गई।मोहम्मद रफी से जुड़ी अनेक अनमोल यादों को विक्रम शुक्ला, नरेंद्र कुमार सिंह, विनोद कुमार , जसपाल खुराना और सुमिता राय ने सभी दर्शकों को बताया।एंकर विवेक कुमार जैन ने भी मोहम्मद रफी की जीवन संगीत यात्रा की चर्चा गानों के मध्य करते हुए समां बांध दिया।
गायन श्रद्धांजलि सभा का प्रारंभ मोहम्मद रफी साहब के एक भजन “सुख के सब साथी दुख में न कोई” को विनोद कुमार ने अपना स्वर दिया।जसपाल खुराना ने “जो बात तुझमें है तेरी तस्वीर में नहीं”अरुण माथुर ने “सौ बार जन्म लेंगे,सौ बार फना होगे”,डॉक्टर आशीष बिसारिआ ने “खोया खोया चांद”सुमिता राय ने “क्या हुआ तेरा वादा”नरेंद्र कुमार सिंह ने “खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो ” अनुज भगोर ने “ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर तुम नाराज न होना”राजीव सक्सैना ने” ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं”अंकिता ने “झिलमिल सितारों का आंगन होगा”, सौमिन ने ” न जा अब कहीं तू न जा”नगमे गाकर रफी साहब को अपनी श्रद्धांजलि प्रेषित की।
                  डुएट गीतों की श्रृंखला में विवेक लवीना जैन ने काला बाजार फिल्म का “अच्छा जी में हारी चलो मान जाओ न”मोनिका लखनपाल और क्षमा ने “ओ मेरे सोना रे सोना”अनुज और लता दौलतानी ने “एक परदेशी मेरा दिल ले गया”सुनील और कविशा ने “वादा कर ले साजना”नरेंद्र सिंह और अंकिता ने “इतना तो याद है मुझे”अरुण माथुर और सुमिता ने “छुप गए सारे नज़ारे”डॉक्टर आशीष और उषा ने “जानू मेरी जान ” और राजीव और सुमिता ने “गुनगुना रहे है भंवरे खिल रही है कली कली” गीतों को अपने स्वरों से संजोया। प्रसिद्ध गायक डॉक्टर के.सी. धाकड़ ने भी रफी साहब का “दिल का सूना साज ” गीत के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के अंत में टीएससी के मेंटर विक्रम शुक्ला ने मोहम्मद रफी साहब के अमर गीत “पुकारता चला हूं में गली गली बहार की” को अपने ही अंदाज में गाया।एंकर विवेक कुमार जैन एवं  टीएससी के सदस्यों ने इस गीत में उनका साथ दिया और रफी साहब की मधुर यादों के साथ सजीव प्रसारण का समापन हुआ।कार्यक्रम के दौरान उड़ान एवं अन्य संगीत गायन प्रतियोगिता में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और उपहार वितरित किए गए।