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MRM राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में POJK वापस लेने और कौमी एकता पर ज़ोर


कई अहम प्रस्ताव पारित, संगठन में फेरबदल

नई दिल्ली। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की दो दिवसीय कार्यकारिणी बैठक मुख्य संरक्षक डॉक्टर इंद्रेश कुमार की अध्यक्षता में नई दिल्ली के राजघाट स्थित टैगोर भवन में कई प्रस्तावों के साथ संपन्न हुई। बैठक में POJK वापस लेने, यात्रा और रक्षा बंधन फॉर POJK, सभी प्रकार के लिंचिंग (गो हत्या से लेकर व्यक्ति की हत्या तक) के खिलाफ देशभर में जनजागरण अभियान, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम के जन्मदिवस से प्रथम शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन तक रन फॉर यूनिटी एंड कम्युनल हार्मनी तथा छात्रों का सम्मेलन, अपने अपने धर्म पर चलते हुए दूसरे के धर्म का सम्मान, धर्मांतरण एवं दंगे का विरोध तथा आओ जड़ों से जुड़े जैसे प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किए गए।

POJK लेने का संकल्प:
बैठक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की घोर निन्दा करते हुए कहा गया कि अब समय आ गया है की पाकिस्तान की अकल ठिकाने लगाते हुए गुलाम कश्मीर को वापस भारत में जोड़ा जाए। इसके लिए मंच 15 अगस्त से 25 अगस्त तक तिरंगा यात्रा निकालेगी और POJK के पीड़ितों के लिए रक्षा बंधन मनाएगा। इस सिलसिले में उस घटना को याद किया गया जब बढ़ती आतंकवादी हिंसा और कश्मीर विवाद को उजागर करने के पाकिस्तान के प्रयासों के बाद, भारतीय संसद के दोनों सदनों ने 22 फरवरी, 1994 को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, और पाकिस्तान को अपने कब्जे वाले हिस्सों को खाली करना होगा। मंच मानता है कि जम्मू कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। भारतीय संसद में उठी मांग को दोहराते हुए मंच यह मांग करता है कि पाकिस्तान को भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के उन क्षेत्रों को खाली करना होगा, जिन पर उसने कब्जा कर लिया है।

कई अहम प्रस्ताव पारित:
इंदिरा गांधी सरकार में अक्टूबर 1966 में, महाराष्ट्र के वाशिम में एक जुलूस, जिसमें गोहत्या पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी पर पुलिस ने गोलीबारी की थी जिसमें कई लोग मारे गए थे। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इंदिरा सरकार की बर्बरता की घोर निंदा करता है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच देश भर में गो हत्या के खिलाफ एवं सभी प्रकार की लिंचिग के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाएगा। मंच धर्मांतरण के खिलाफ भी सख्त अभियान चलाएगा। मंच का मानना है कि अपने अपने धर्म पर चलो और दूसरे धर्मों का सम्मान करो। देश की एकता अखंडता संप्रभुता तथा सामाजिक समावेश की खातिर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम के जन्मदिन 15 अक्टूबर से देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन यानी 11 नवंबर तक रन फॉर यूनिटी और छात्र सम्मेलन करेगा। मंच अपनी जड़ों से भी जोड़ने का काम करता है। इस सिलसिले में देश भर में आओ जड़ों से जुड़े कार्यक्रम किए जायेंगे। कार्यकारिणी में हब्बुल वतनी यानी देश प्रेम पर विशेष ज़ोर दिया गया।

संगठन में फेरबदल
इंद्रेश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में देश भर से राष्ट्रीय संयोजक, प्रकोष्ठों के संयोजक, क्षेत्रीय प्रांतों के संयोजक एवं विभिन्न सह संयोजकों और कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। बैठक में दो नए राष्ट्रीय संयोजक बनाए गए हैं। इस तरह मुस्लिम राष्ट्रीय मंच में अब कुल 15 सदस्यों का राष्ट्रीय संयोजक मंडल हो गया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद और महिला प्रमुख डॉक्टर शालिनी अली को राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है। डॉक्टर शालिनी के स्थान पर तसनीम पटेल को महिला प्रमुख बनाया गया है। शाहिद और शालिनी अपने अपने पुराने प्रभारों का भी दायित्व निभाते रहेंगे। मीडिया और लिटरेचर टीम में चार और लोग जोड़े गए हैं, शालिनी अली, हाजी मोहम्मद साबरीन, केशव पटेल और मोहम्मद फैज खान। इनके अलावा कुछ प्रकोष्ठों के प्रभारी एवं सह प्रभारी बदले गए हैं। छात्र मामले देख रहे खुर्शीद रजाका को अब दिल्ली और हरियाणा का क्षेत्रीय संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है जबकि उनकी जगह छात्र प्रकोष्ठ अब इमरान चौधरी और मजहिर खान देखेंगे। इसी प्रकार सेवा प्रकोष्ठ, गो प्रकोष्ठ, पर्यावरण प्रकोष्ठ, आओ जड़ों से जुड़े प्रकोष्ठ समेत कुछ अन्य प्रकोष्ठों में फेरबदल हुए हैं।

बैठक में शामिल लोग:
दो दिवसीय बैठक में डॉक्टर इंद्रेश कुमार के अलावा मोहम्मद अफजाल, प्रोफेसर शाहिद अख्तर, अबू बकर नकवी, एसके मुद्दीन, सैयद रजा हुसैन रिजवी, गिरीश जुयाल, वर्ग पचपोर, ताहिर हुसैन, इस्लाम अब्बास, मजाहिर खान, रेशमा हुसैन, डॉक्टर शालिनी अली, मोहम्मद इलियास, शाहिद सईद, ताहिर शाह, कल्लू अंसारी, शहनाज अफजल, खुर्शीद रजाका, हाफिज मोहम्मद साबरीन, इमरान चौधरी, फैज खान, ठाकुर राजा रईस, दादू खान, केशव पटेल, शेर खान, अल्तमश बिहारी, मोहम्मद नसीब, मोहम्मद अजहरुद्दीन समेत करीबन 55 कार्यकर्ता थे।