भागलपुर: भागलपुर चैप्टर एन एस आई एवं सफाली संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई। समारोह का आरंभ सफाली बाल मंडली की राधिका एवं निधि के स्वागत गान से हुआ तथा गुलअफशा परवीन ने अतिथियों एवं भागीदारों का स्वागत किया। सेमिनार का शुभारंभ डॉ आंचल सिंह जे पी यू छपरा के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि एनएफएचएस 4 – 5 में मां का दुध पीने वाले का बच्चों का प्रतिशत 43 है जो चिंता का विषय है। शहरी एवं देहाती माताओं में भी बहुत ज्यादा का अंतर नहीं देखा गया। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रेस्टफीडिंग सबसे अच्छा पोषक आहार है।
वही डॉ निर्मला ने कहा कि बच्चे जैसे-जैसे बढ़ते है उनके आहार में बदलाव होता है इसलिए नवजात के लिए मां का दूध अमृत तुल्य है इससे ममत्व का विकास होता है ।
वही डॉक्टर शाहिदा खानम ने मां का दूध बच्चों के लिए अमृत तुल्य बताया है। वही डॉ शेफाली ने कहा कि स्तनपान कराने से मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आती है। वही डॉ अनुराधा पीपीयू ने कहा कि स्तनपान कराने से माता में ब्रेस्ट कैंसर से बचाव होता है। डॉ शाहिद राजा जमाल ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्तनपान कराने से शिशु एवं माताएं दोनों का संक्रमण से बचाव होता है और दोनों सेहतमंद रहते है। अपने अध्यक्ष उद्बोधन में प्रोफेसर डॉ फारूक अली पूर्व कुलपति जेपीयू छपरा ने सभी वक्ताओं के उत्कृष्ट विचारो की सराहना करते हुए कहा कि चौथे दशक में स्तनपान अभियान पहुंच गया है जिसमें 170 देश में यह आयोजन होता है जिसमें महज 19 देश में शिशु आहार बनाने वाले कंपनी पर मेडिकल कॉन्फ्रेंस स्पॉन्सर करने पर पाबंदी लगाई गई है। स्तनपान शिशु के लिए लाभकारी के साथ-साथ माता के लिए भी गर्भ पूर्व की अवस्था प्राप्त करने में सहायक है इसे जन आंदोलन युवाओं के लिए बनाने की जरूरत है.
सेमिनार में बी एन मंडल यूनिवर्सिटी मधेपुरा,जयप्रकाश यूनिवर्सिटी छपरा,पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी पटना, निलंबर पीतांबर यूनिवर्सिटी झारखंड , तिलकामांझी यूनिवर्सिटी भागलपुर एवं मुंगेर यूनिवर्सिटी से लोग जुड़े जिसमें से प्रमुख डॉ इंतखाबूर रहमान, डेविड नीलू,अमृता , रोशनी, बेबी, रंजन, छोटू कुमार चंदन, मो अंसार, दानिश आदि समेत दर्जनों लोग मौजूद थे धन्यवाद ज्ञापन गुलअफशा परवीन ने किया।