शाहनवाज़ आलम और मनोज यादव ने किया घोषणा, 9 अगस्त से 11 सितंबर तक चलाएंगे सामाजिक न्याय जागरूकता अभियान
अल्पसंख्यक कांग्रेस, ओबीसी कांग्रेस और फिशरमैन कांग्रेस ने कार्यालय पर मनाया मंडल दिवस
लखनऊ . राहुल गाँधी एक मात्र नेता हैं जो राजनीति से ऊपर उठकर कमज़ोर वर्गों को न्याय दिलाने के लिए लगातार जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस देश में जातिगत जनगणना कराकर रहेगी. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी धीरज गुज्जर ने अल्पसंख्यक कांग्रेस, ओबीसी कांग्रेस और फिशरमैन कांग्रेस द्वारा मण्डल दिवस पर आयोजित गोल मेज सम्मेलन में कहीं.
कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम और ओबीसी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि अगस्त क्रांति दिवस 9 अगस्त से राजीव गाँधी सरकार द्वारा 1989 में दलित उत्पीड़न निरोधक क़ानून के पास किए जाने की वर्षगाँठ 11 सितंबर तक प्रदेश भर में जातिगत जनगणना कराने, प्रस्तावित वक़्फ़ क़ानून का विरोध करने, पूजा स्थल अधिनियम 1991 की रक्षा करने, कॉलेजियम व्यवस्था खत्म करने, सुप्रीमकोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण को विभाजित करने के फैसले का विरोध करने और आरक्षण पर से 50 प्रतिशत की पाबन्दी हटाने की मांग के समर्थन में सामाजिक संगठनों से संपर्क, सेमीनार और विचार गोष्ठी आयोजित किया जाएगा.
दोनों नेताओं ने योगी सरकार में पिछड़े और दलित वर्गों से आने वाले उप मुख्यमन्त्री समेट मंत्रियों और विधायकों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपमानित करने का भी आरोप लगाया.
पूर्व मन्त्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज बहादुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को देश को बताना चाहिए कि उसने बिना जातिगत जनगणना कराए ये कैसे जान लिया कि दलितों की कौन सी जातियाँ किन जातियों का हिस्सा खा रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार दलितों और पिछड़ों की राजनीतिक एकता को तोड़ने के लिए न्यायपालिका का इस्तेमाल कर रही है.
पूर्व मन्त्री मोईद अहमद ने कहा कि आईएएस की भर्तियों में पहले इंटरव्यू का नम्बर लिखित परीक्षा से ज़्यादा होता था. इससे कमज़ोर तबकों से भेदभाव किया जाता था. दलित वर्गों की सीटें रिक्त रखकर बाद में उसे सामान्य वर्ग से भर दिया जाता था. इस व्यवस्था को राजीव गाँधी ने बदला और इंटरव्यू का नम्बर लिखित परीक्षा से कम कर दिया और यह नियम भी बना दिया कि आरक्षित वर्ग की खाली सीटों को रिक्त रखा जाए और बाद में उसी वर्ग से उपयुक्त व्यक्ति मिलने पर भरा जाए. लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार अब आरक्षित सीटों को सामान्य वर्ग से भर रही है.
इस अवसर पर प्रोफेसर आरबी बौद्ध ने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने बैंकों और खदानों का राष्ट्रीयकरण करके दलितों को आरक्षण के जरिए सरकारी नौकरियों में ला दिया. अब भाजपा सरकार नीजिकरण कर दलितों और पिछड़ों को नौकरी से बाहर करना चाहती है.
बैठक का संचालन जितेंद्र पटेल ने किया.
इस अवसर पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश सिंह, कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रमुख डॉ जिया राम वर्मा, राम गोपाल उत्तम, अख्तर मलिक, शाहनवाज़ खान, डॉ शहज़ाद आलम, विनोद पाल, राकेश पासवान, विजय बहादुर यादव, सतीश साहनी, राजबहादुर् निषाद, डॉ अखिलेश शर्मा, राजेश्वरी पटेल, बीनू वर्मा, शावेज़ अहमद, भारत सिंह, कासिफ अहमद, डॉ राजकुमार मौर्या, नावेद नक़वी, अजीत वर्मा, अवधेश वर्मा, मनोज पासी, सुरेश यादव, मुहम्मद जाहिद, तल्हा अहमद आदि मौजूद रहे.