असदउद्दीन उवैसी, इमरान मसूद मुहिबुल्ला सदस्य
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) के पास भेज दिया है. समिति को अगले सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन तक रिपोर्ट देने का समय दिया गया है. समिति में 31 सदस्य होंगे, जिसमें 21 सदस्य लोकसभा से और 10 सदस्य राज्यसभा से होंगे. केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश किया था. हालांकि अब इसे जेपीसी को सौंप दिया गया है.
इस विधेयक के लिए गठित संयुक्त समिति में लोकसभा के 31 सदस्यों की समिति का गठन किया गया है, उनमें से लोकसभा के 21 सदस्यों में जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मोहिबुल्ला, कल्याण बनर्जी, ए राजा, कृष्णा अलावरु, दिलेश्वर कामत, अरविन्द सावंत, सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपति, अरुण भारती और असदुद्दीन औवेसी शामिल हैं.
समिति में शामिल राज्यसभा के 10 सदस्यों में बृजलाल, डॉ मेधा कुलकर्णी, गुलाम अली, डॉ. राधा मोहन अग्रवाल, मोहम्मद नदीम हक, नासिर हुसैन, विजय साई रेड्डी, एम मोहम्मद अब्दुल्ला, संजय सिंह और डॉ वीरेंद्र हेज शामिल हैं.
इस विधेयक को लेकर विपक्ष ने काफी विरोध किया था और इसके कारण संसद में भारी हंगामा हुआ था. साथ ही इस विधेयक को लेकर बीजेपी के कुछ सहयोगियों ने भी सुझाव दिए थे. इसके बाद सरकार ने इसे चर्चा के लिए जेपीसी को भेजने का फैसला किया था. इसके साथ ही सरकार ने राज्य सभा से इस बिल को वापस ले लिया है.
नरेंद्र मोदी की सरकार में यह पहली बार हुआ है, जब किसी बिल को जेपीसी के पास भेजा गया है. सरकार इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में पेश कर सकती है. ऐसा इसलिए है कि उस वक्त तक बीजेपी की ताकत राज्यसभा में काफी बढ़ जाएगी, ऐसे में सरकार को बिल को पास कराने में कोई परेशानी नहीं आएगी.