उत्तर प्रदेश

जिलेभर में 14.07 लाख बच्चों को खिलाई गई अल्बेंडाजोल की दवा

सीएमओ ने छात्र-छात्राओं को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर कृमि मुक्ति दिवस का किया शुभारंभ
  कृमि संक्रमण को रोकने के लिए, वर्ष में दो बार खाएं एल्बेंडाजोल की दवा
   5314 स्कूलों और 2982 आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया गया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
 जिलेभर में 14.07 लाख बच्चों को खिलाई गई अल्बेंडाजोल की दवा


आगरा ।जनपद में शनिवार को शहरी क्षेत्र न्यू आगरा स्थित कंपोजिट स्कूल और ब्लॉक बरोली अहीर के अकबरपुर स्थित निजी विद्यालय आर.डी. पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक कुलदीप भारद्वाज ने स्कूल की छात्र-छात्राओं कुलदीप, इनाया, फातिमा, इलमा, शहादत, शिवा बघेल, तान्या, निशा को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभ किया । दिवस के दिन आगरा के स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र पर 14.07 लाख बच्चों बच्चों ने दवा खाई ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि पेट में कृमि संक्रमण को रोकने के लिए बच्चों व किशोर किशोरियों को छह-छह माह के अंतराल पर वर्ष में दो बार पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाना आवश्यक है। कृमि मुक्ति अभियान एक सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल है जिसका उद्देश्य बच्चों में कृमि संक्रमण को रोकना और नियंत्रित करना है। सीएमओ की मौजूदगी में दोनों विद्यालय में 300 विद्यार्थियों को दवा खिलाई गई । जिले के सभी ब्लॉक के 5314 स्कूलों और 2982 आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक से 19 वर्ष आयु वर्ग के लाभार्थियों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई ।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव बर्मन ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य बच्चों में कृमि संक्रमण को समाप्त करना है। कृमि संक्रमण से बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे उनका विकास प्रभावित होता है। इस अभियान में एवीडेंस एक्शन संस्था के जिला समन्वयक शाहिद खान सहयोग कर रहे हैं । अभियान के दौरान 24.27 लाख लाभार्थियों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। पिछले 10 फरवरी 2024 को चले अभियान में 93 फीसदी लाभार्थियों को दवा खिलाई गयी थी ।

कृमि संक्रमण के लक्षण
नोडल अधिकारी ने बताया कि गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगने जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। हल्के संक्रमण में यह लक्षण नहीं दिखते हैं, इसलिए बचाव की दवा सभी को खानी चाहिए। दवा का सेवन करने से कुछ बच्चों में जी मिचलाने, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण आ सकते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं। दवा का सेवन हमेशा खाना खाने के बाद ही करना है । गर्भवती को दूसरे या तीसरे तिमाही के दौरान एक बार इस दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए ।

शहरी क्षेत्र न्यू आगरा स्थित कंपोजिट स्कूल की कक्षा 7 की छात्रा इलमा ने बताया कि मेरे विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉक्टर प्रीति सक्सेना द्वारा प्रार्थना के दौरान और पेरेंट्स मीटिंग में बच्चों और अभिभावकों को एल्बेंडाजोल के बारे में जानकारी दी गई दी। सभी को अभियान के दौरान दवा खाने के बारे में जागरूक भी किया था । मेरे क्लास के अध्यापक द्वारा उपस्थित सभी बच्चों को कृमि संक्रमण से संबंधित जानकारी दी गई और आज आयोजित कार्यक्रम में मैंने पेट से कीड़े निकालने की दवा (एल्बेंडाजोल) का सेवन किया अभी तक मुझे कोई भी परेशानी नहीं हुई है । यह दावा सुरक्षित है सभी को खानी चाहिए ।

कृमि संक्रमण से बचाव के छह उपाय
– नाखून साफ और छोटे रखें
– खाना ढक कर रखें
– खाने से पहले और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद साबुन पानी से हाथ धोएं
– जब भी बाहर निकलें जूते पहनें
– पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें
– हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें, खुले में शौच न करें
– आसपास साफ सफाई रखें

यह हैं कृमि मुक्ति के फायदे :
– रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि
– स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
– एनीमिया नियंत्रण
– समुदाय में कृमि व्यापकता में कमी
– सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार

इस मौके पर नगला पदी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनीता सिंह, एमओआईसी बरोली अहीर डॉ. अमित कुमार, बीपीएम अभिषेक, एविडेंस एक्शन इंडिया संस्था के जिला समन्वयक शाहिद खान, ग्राम प्रधान वी.पी सिंह , प्रधानाचार्य वंदना गोयल सहित कॉलेज का समस्त स्टाफ मौजूद रहा ।