संवाद -विनोद मिश्रा
बांदा। नगर पालिका की 94,352 वर्ग मीटर सरकारी भूमि पर लंबे अरसे से लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं। इन्हें खाली कराने में पालिका प्रशासन नाकाम है। इस भूमि की कीमत करीब दो अरब है। 14 वर्ष पूर्व कब्जेदारों को बेदखली का नोटिस देने के बाद जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली। नगर पालिका चुनाव करीब आते ही अवैध कब्जेदारों को नोटिस जारी करने की चर्चा फिर तेज हो गई है।
बांदा नगर पालिका के अभिलेखों के मुताबिक 2,35,452 वर्ग मीटर भूमि नजूल है। इसी तरह अतर्रा में 6,123 वर्ग मीटर नजूल भूमि दर्ज है। नजूल की भूमि पर कब्जा किए लोगों की संख्या लगभग 969 बताई गई है। इनके कब्जे में 94,352.63 वर्ग मीटर भूमि है। कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां जमीन की कीमतें ज्यादा हैं। इसके अलावा 1,41,100.21 वर्ग मीटर भूमि में 106 कब्जेधारकों ने 32,673.29 वर्ग मीटर फ्री होल्ड कराई है।
शहर में अब मात्र 32,672.45 वर्ग मीटर नजूल भूमि बची है। वह भी इसलिए बची है कि यह जमीन ऊबड़-खाबड़ और बंजर है। नजूल भूमि का कार्य देख रहे लिपिक विनोद कुमार ने बताया कि करीब 14 साल पूर्व अवैध कब्जाधारकों को भूमि खाली करने का नोटिस जारी किया था। उनसे कहा गया था कि भूमि को फ्रीहोल्ड करा लें, लेकिन नोटिसों के बाद भी कब्जे ज्यों का त्यों बरकरार हैं। यही हाल अतर्रा नगर पालिका में है। यहां कुल नजूल भूमि – 2,35,452 वर्ग मीटर
कुल भूमि पर कब्जा 2,02779.55 वर्ग मीटर
शेष बची नजूल भूमि 32,672.45 वर्ग मीटर,कब्जा करने वालों की संख्या 969 फ्रीहोल्ड कराने वालों की संख्या 106।मुकदमों में घिरे कब्जेदार 429, फ्रीहोल्ड के लिए लंबित आवेदन 4। पट्टेदारों की कुल संख्या 57 है इसमें 429 कब्जेदारों पर चल रहे हैं। मुकदमे
नजूल भूमि पर लंबे अरसे से जमे 429 अवैध कब्जेदारों पर बांदा नगर पालिका ने पीपी एक्ट के तहत मुकदमे दायर कर रखे हैं। इनके कब्जे में 38,397.59 वर्ग मीटर नजूल भूमि है। फिलहाल मुकदमों की प्रक्रिया चल रही है। इनका निपटारा होने के बाद ही फ्रीहोल्ड या बेदखली की कार्रवाई की जाएगी। उधर, पट्टा प्राप्त करने वालों की निर्धारित 30 वर्ष अवधि भी खत्म हो चुकी है। अधिकतर लोगों ने नवीनीकरण भी नहीं कराया।