संवाद -विनोद मिश्रा
बांदा। यदि आप तय तिथि पर यात्रा नहीं कर पा रहे हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। यात्री सिर्फ 20 रुपये देकर यात्रा की तारीख आगे बढ़ा सकते हैं। इससे यात्रियों को टिकट निरस्त कराने पर भारी-भरकम कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह व्यवस्था स्लीपर से लेकर वातानुकूलित पर लागू होगी। रेलवे स्टेशन के काउंटर एवं ई-टिकिट कराने को ही तरजीह दिया जाता हैं। ई-टिकिट पर जहां वेटिंग लिस्ट क्लियर न होने पर पूरा पैसा वापस मिलता है, वहीं काउंटर से टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को पेपर टिकिट के कई लाभ मिल रहे हैं। पेपर टिकटधारक यात्रियों को एक और बढ़ा लाभ दिया जा रहा है। इस सुविधा को रेलवे की भाषा में ””टिकट मॉडिफिकेशन”” कहा जाता है। यानी आप बिना टिकिट रद्द कराए पहले से आरक्षित टिकिट में संशोधन करा सकते हैं। इसी मॉडिफिकेशन में रेलवे ने तिथि बदलने की सुविधा शुरू कर दी है। इस सुविधा का लाभ यह है कि आपको अब तिथि बदलने के लिए टिकट रद्द कराकर दूसरा टिकट कराने की आवश्यकता नहीं है।
इसके लिए आपको मामूली चार्ज देना पड़ता है, जिसके बाद आपको किसी भी तिथि का टिकिट मिल जाता है।
यदि आप पहले से ली गई आरक्षित टिकट में ट्रेन और तिथि का संशोधन कराना चाहते हैं तो इसके लिए एक बात ध्यान रखनी होगी। टिकट संशोधन से पहले जिस ट्रेन और तिथि में नया टिकट बनवाना चाहते हैं तो उसमें सीट की उपलब्धता का पता लगा लें। यदि पहले टिकट में कंफर्म सीट थी तो इस बात की गारंटी नहीं है कि आपको नये टिकट पर कंफर्म टिकट मिले। उक्त तिथि और ट्रेन में वर्तमान स्टेटस जो होगा वही दिया जाएगा।
जन संपर्क अधिकारी मनोज सिंह नें बताया की टिकिट मॉडिफिकेशन के लिए कुछ नियम निर्धारित हैं। इसके अनुसार ही ट्रेन और तिथि में परिर्वतन किया जाता है। 24 घंटे पहले संशोधन फॉर्म देने पर ही सुविधा दी जाएगी।