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राम दरबार में तुलसी जयंती पर बही काव्य रसधार: सम्मानित किये गये साहित्यकार


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा।शहर के सिंहवाहिनी मंदिर कटरा की पीछे स्थित राम दरबार में गोस्वामी तुलसीदास की जयंती मनाई गई। उनके चित्र पर माल्र्यापण कर व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। साथ ही काव्य पाठ की रसधार बहाई गई। साहित्यकार सम्मानित भी किये गये। अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू के द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डाक्टर चन्द्रिका प्रसाद ललित नें कहा की यदि गोस्वामी तुलसी दास द्वारा राम चरित मानस की रचना न की गई होती तो श्री राम विश्व में न जानें जाते। अशोक अवस्थी,भगवती प्रसाद मिश्र अरुण पुरवार नें भी तुलसी एवं रामचरित मानस की महिमा बखानी। सुरेन्द्र निगम,हरिशंकर शुक्ला ,अशोक श्रीवास्तव,राजेंद्र दुबे ,भगवान दीन वर्मा,सबल सिंह ,शिव कुमार गुप्ता नें भी विचार रखें।


अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक जीतू नें कहा की तुलसी दास मानस में प्रभु राम के जीवन चरित्र का ऐसा वर्णन किया है जो भारतीय सांस्कृति की झलक को दर्शाता है। मानस नें माता पिता के प्रति श्रद्धा,प्रकृति से प्रेम एवं मानवता से जुड़ाव का संदेश दिया है।
इस दौरान मानस प्रवक्ता इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के सदस्यों के द्वारा काव्यपाठ कर वाहवाही लूटी गई।जवाहर लाल जलज नें रचनाओं में खूब वाहवाही लूटी। कवियों एवं साहित्यकारों को सम्मानित भी किया गया।