उत्तर प्रदेशजीवन शैली

बांदा में अद्भुत शिव भगवान की मूर्ति  गले से फूटी जलधारा


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। जिले में एक अद्भुत शिव मंदिर है। उनके गले से जलधारा रिसती है। अवर्षण में भी यह बंद नहीं होती। जिले में स्थित ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का दुर्ग कालिंजर है।यहां अद्भुत शिवलिंग और इससे निकलने वाले पानी का राज बेहद गहरा है। मान्यता है कि शिव ने समुद्र मंथन में जो विष पीया था, उसका प्रभाव यहां दिखाई देता है। यही पानी पातालगंगा में गिरता है, जो कभी नहीं सूखता है।


जल स्रोतों का अद्भुत भंडार


इस दुर्ग में बेला तालाब, सुरसरि गंगा और पातालगंगा ऐसे स्थान हैं, जहां हमेशा पानी बहता रहता है। वहीं, नीलकंठेश्वर मंदिर में शिव जी के गले से निकलने वाली जलधारा दुर्ग से 100 फीट नीचे पातालगंगा में गिरती है। जिसका पानी कभी खत्म नहीं होता है।
बुंदेलखंड सूखे के कारण जाना जाता है, लेकिन कितना भी सूखा पड़ जाए, यहां के शिवलिंग से पानी रिसना बंद नहीं होता है।

कहा जाता है कि सैकड़ों साल से ऐसे पानी निकल रहा है, ये सभी इतिहासकारों के लिए अबूझ पहेली की तरह है। मंदिर के ठीक पीछे की तरफ पहाड़ काटकर पानी का कुंड बनाया गया है। माना जाता है कि इस प्राचीनतम किले में मौजूद खजाने का रहस्य भी इसी प्रतिलिपि में है, लेकिन आज तक कोई इसका पता नहीं लगा सका है।