संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा सोमवार को सर्किट हाउस में मंडलीय समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने सभी से बच्चों के मुद्दे पर संवेदनशील होने की अपेक्षा की। समाज में फैली कुप्रथाओं नशा, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षाटन, बाल यौन शोषण जैसे मुद्दों पर लगातार कार्य करने की जरूरत बताया। डा. देवेंद्र शर्मा ने कहा कि पूर्व में जारी गाइड लाइन के अनुसार विद्यालय के 100 मीटर के दायरे में पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा आदि की कोई दुकानें नहीं होनी चाहिए. इस दिशा में सख्ती से कार्रवाई की जाये।
डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि नशे से मुक्त रखने के लिए तत्काल प्रहरी क्लब की स्थापना कर पूर्व में इसके लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करना सुनिश्चित करें। बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के माध्यम से जागरूकता लायें। उन्होंने जिला, ब्लॉक, ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समिति की नियमित बैठकें कराये जाने के निर्देश दिये। कहा कि 2025 तक बाल विवाह को खत्म करने का लक्ष्य भी निर्धारित है।
बच्चों को साइबर क्राइम तथा मोबाइल की लत से दूर रखने के लिए कार्यशाला आयोजित करने को निर्देशित किया। कहा कि इस बार दीपावली पर पोस्टर के माध्यम से हमारा संकल्प होगा कि “एक युद्ध नशे के विरुद्ध”देश को नशामुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि 21 वर्ष से कम आयुवर्ग वालों को शराब विक्रय न की जाये। बाल तस्करी पर हर हाल में रोक लगाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।