माधवी अग्र महिला मंडल कर रहा 23 वां आयोजन बेटियों (अनाथ) का मायका
समाजसेवी बंधवाएंगे राखियां, सदस्याएं मां बन उमेड़ेगी दुलार, देंगी विदा में ढेरों उपहार
बिजनौर, कोलकाता तक से आएंगी बेटियों, अग्रसेन भवन बनेगा मायका
आगरा। समाज में एक कहावत प्रचलित है कि जिनकी मां नहीं होती, उनका मायका भी नहीं होता। क्योंकि मां के दुलार से ही मायका बनता है। मां के इसी दुलार को सहेज कर माधवी अग्र महिला मंडल द्वारा 23 वां बेटियों (अनाथ) का मायका कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
सोमवार को आयोजन के आमंत्रण पत्र का विमोचन पुष्पांजलि सभागार, अग्रसेन भवन, लोहामंडी पर किया गया। अध्यक्ष पुष्पा अग्रवाल ने बताया कि माधवी अग्र महिला मंडल हर वर्ष अनाथालय में रहने वाली बेटियाें का विवाह कराता है। इन्हीं बेटियों को सावन में मायके का सुख प्रदान करने के लिए बेटियों का मायका कार्यक्रम दो दिन तक आयोजित किया जाता है। इस वर्ष कार्यक्रम में 50 से अधिक बेटियां अपने बच्चों के साथ सम्मलित होंगी, जिन्हें सपरिवार दुलार और उपहार के साथ विदा भी किया जाएगा।
सचिव उषा बंसल ने बताया कि 14 और 15 अगस्त को दो दिन तक अग्रसेन भवन, लोहामंडी 50 से अधिक अनाथ बेटियों का मायका बन जाएगा। आदर सत्कार के साथ हर बेटी का स्वागत प्रति सदस्या करेंगी। सावन की मल्हार, मेहंदी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ परस्पर प्रेम और आनंद की फुहार चलेंगी। रात्रि में सदस्याएं आयोजन स्थल पर ही रुक कर सभी बेटियों का हालचाल जानेंगी। उन्हें गृहस्थी की सीख देंगी।
अगले दिन समाज सेवी भाइयों की कलाइयों पर बेटियां राखी बांधकर विदा लेंगी। विदा में सभी बेटी− दामाद और धेवते− धेवतियों को यथा संभव उपहार प्रदान किये जाएंगे।
आमंत्रण पत्र विमोचन कार्यक्रम के दौरान कोषाध्यक्ष आभा जैन, नमिता अग्रवाल, शशि अग्रवाल, रजनी अग्रवाल, शिल्पी, श्वेता, अर्चना, निर्मल, कुसुम आदि उपस्थित रहीं।