उत्तर प्रदेश

सुब्रत पाठक ने पूर्व ब्लाक प्रमुख की गिरफ्तारी पर दी प्रतिक्रिया, अखिलेश के बाद कन्नौज में नवाब को बताया बड़ा नेता

कन्नौज, किशोरी से रेप के प्रयास में पूर्व ब्लाक प्रमुख नवाब सिंह यादव की गिरफ्तारी के दूसरे दिन पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने प्रेस वार्ता कर मसले को पार्टी के भीतर हिंदू-मुस्लिम संघर्ष का सवाल खड़ा कर दिया। कहा कि अयोध्या में इस तरह का अपराध करने वाला मुस्लिम था तो सपा अध्यक्ष अखिलेश बचाव में उतर आए और जिसने पूरा जीवन पार्टी को समर्पित कर दिया उससे पल्ला झाड़ लिया। बोले कि अखिलेश के बाद जिले में नवाब सिंह यादव ही दूसरा बड़ा नेता है।

पूर्व सांसद ने सपाध्यक्ष व कन्नौज सांसद को यह कहकर घेरा कि उनको आकर बताना चाहिए कि नवाब किसका आदमी है। उनके संपर्क में आने से पहले उसकी सामजिक, राजनीतिक और आर्थिक हैसियत क्या थी और आज क्या है। जिस कालेज में घटना हुई उसका उद्घाटन अखिलेश ने ही किया था। उनके शासन में नवाब के साथ किस प्रकार संबंध थे यह हर कोई जानता है।

सपा शासन के दौरान मिनी मुख्यमंत्री कहा जाता था पूर्व ब्लाक प्रमुख को। उनके दरबार में डीएम, एसपी और प्रदेश के बड़े बड़े अधिकारी सिफारश के लिए आते थे। डिंपल यादव को कन्नौज लोकसभा से निर्विरोध निर्वाचित कराने वाले नवाब ही थे। लिखित तौर पर तत्कालीन सांसद डिंपल यादव के प्रतिनिधि भी रहे। किसी भी दुकानदार, बच्चे, साइकिल वाले या समाजवादी मतदाता से पूछ लो तो अखिलेश के बाद कन्नौज की धरती पर दूसरा नेता नवाब सिंह यादव है।

आज पार्टी उनसे पल्ला झाड़ रही है यह समाजवादी पार्टी का बहुत ही घृणित चहेरा है। अयोध्या में एक व्यक्ति 2012 में समाजवादी पार्टी में आता है। उस पर गैंगरेप का आरोप लगता है तो अखिलेश उसको बचाने के लिए आगे आते हैं क्योंकि वो मुस्लिम है। मुस्लिम अगर आंतकवादी होगा तो उसे छोड़ने की सिफारिश करेंगे। उनका वह कार्यकर्ता जिसने अपना जीवन समाजवादी पार्टी को दे दिया। अखिलेश उससे भी पल्ला झाड़ रहे हैं।

मुस्लिम आंतकबादी होगा तो संरक्षण देंगे, अगर यादव होगा तो छोड़ देंगे। पूर्व सांसद ने मामले को हिंदू बनाम मुस्लिम का रंग देने की कोशिश की। पार्टी की तरफ से पांच वर्ष निकालने के सवाल पर बोले कि अगर ऐसा है तो पार्टी कोई पत्र जारी करे। जिसको निकाल दिया गया वह इंडी गठबंधन की रैली में कैसे गया? रैली में अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बीच में नवाब की फोटो वायरल हो रही है।

क्या वो राहुल गांधी की पार्टी से शामिल हुए थे। साजिश के तहत फंसाने के सवाल पर कहा कि साजिश है तो उसकी जांच की मांग हो। साजिश किसकी है ये भी सामने आना चाहिए और उनके लोग तो कह रहे उनकी पार्टी के ही लोगों ने साजिश की। जिलाध्यक्ष पार्टी से निकाल देता है तो कहीं पार्टी के अंदर हिंदू-मुस्लिम संघर्ष तो नहीं