संवाद – अज़हर उमरी
69000 शिक्षक भर्ती मामले में न्याय और संविधान की जीत हुई है-अजय राय
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सभी चयन सूचियां को रद्द कर नई चयन सूची बनाकर आरक्षण नियमावली 1994 में निहित प्रावधानों के अनुसार नियुक्ति किए जाने का आदेश दिया है।
उक्त मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मंत्री श्री अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है। दलित और पिछड़ों के हक के लिए सिर्फ जबानी जमा खर्च करने वाली भाजपा सरकार हर कदम पर उनके साथ छल करती है, इतना ही नहीं भाजपा सरकार दलित और पिछड़ों को उनके जायज हक से महरूम रखने का रखने का हर संभव प्रयास करती है।
श्री राय ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट की सिंगल और डबल बेंच से सरकार के आरक्षण विरोधी चेहरे को बेनकाब किया गया है। हालत यह हैं कि सरकार के अपने मंत्री और सहयोगी दल, सरकार को आरक्षण के मुद्दे पर आइना दिखा रहे हैं। सच तो यह है कि सरकार के वे मंत्री जो आज फैसले को सही बता रहे हैं वो भी इस अन्याय पर चुप थे। जबकि पीड़ित अभ्यर्थियों ने इन सभी के दरवाजों पर न्याय की गुहार लगाई थी। यह तब भी चुप थे जब न्याय मांगने पर अभ्यर्थियों को लाठियां से पीटा जा रहा था।
श्री अजय राय ने कहा कि जब अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास से लेकर इको गार्डन तक न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इशारे पर उनका दमन किया जा रहा था तब केशव मौर्य जी जैसे सरकार के मंत्री जो आज अपनी राजनीति बचाने के लिए उनके शुभेच्छु बन रहें है उस वक्त मौन की चादर ओढे़ हुए थे। इतना ही नहीं भाजपा के सहयोगी दल सुभाषपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर जी अभ्यर्थियों को लात मारने का सुझाव दे रहे थे।
सच तो यह है कि इस भाजपा सरकार और उसके सहयोगी दलों का आरक्षण के मामले पर यही चाल, चरित्र और चेहरा है।
श्री अजय राय ने कहा कि योगी सरकार तत्काल हाई कोर्ट द्वारा सुझाए गए एवं आरक्षण के सभी नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करे एवं पिछले 5 साल से इन अभ्यर्थियों का दमन करने के कारण एवं न्याय की आवाज दबाने की कोशिश के लिए इन अभ्यर्थियों से माफी मांगे।