संडीला हरदोई। दीन इस्लाम पर हुसैन व उनके कुनबे के द्वारा जो एहसान किए गए हैं उन्हें बुलाया नहीं जा सकता परचम ए मोहम्मदी के अध्यक्ष फरीदुद्दीन अहमद ने कस्बा के मलकाना स्थित हसनैन मियां के आवास पर चेहल्लुम की 10 तारीख को जिक्रे शोहदा ए कर्बला (मजलिस) मे आपने सदारती बयान को ख़िताब करते हुए कहा की इंसानियत को और वफादारी किसी को पढ़नी व जाननी हो तो क़र्बला पढ़ ले ।
मेहमाने ख़ुशीशी की हैसियत से डिप्टी शहर काजी असद मेराज व बज़्म मुश्लिम के अध्यक्ष अब्दुल वली ने अपने जोशीले बयान को ख़िताब करते हुए हालात ए हाजिरा पर मुल्क ए शाम के हालातो को क़र्बला का मंज़र बताया तो वही मेहमान ए एजाज़ी के तौर पर हाफ़िज़ ओ कारी मोहम्मद नासिरउद्दीन व कॉपरेटिव स्टोर के सभापति ने इमाम हुसैन के मनकबत पढ़ कर अपनी हाज़री दर्ज़ की मजलिस की निज़ामत सूफ़ी इक़बाल ने की ।
मजलिस के आयोजक मोहम्मद हसनैन ने कहा इमाम हुसैन का रुतबा आला से भी आला है जैसे आपके नाना वैसे किसी के नाना नहीं जैसी आपकी वालिदा वैसे किसी की वालिदा नहीं जैसे आपकी वालिद वैसे किसी के वालिद नहीं जैसे आपके भाई बहन वैसे किसी के भाई बहन नहीं कहना यह है कि जिस तरीके का आपका खानदान है वैसा खानदान आज तक कायनात में नहीं इमामे हुसैन ने इस्लाम के साथ-साथ इंसानियत भी बचाई मजलिस में स्थानीय शायर उस्ताद शायर डाक्टर जुबैर सिद्दीकी, सुहैल संदीलवी,दावर रज़ा,ने मंकबत ए हुसैन व हाफ़िज़ साबिर,डाक्टर रिज़वान व सरफराज़ ने कलाम ए हुसैन पढ़कर खिराज़ ए अक़ीदत पेश की मजलिस मे मुख्य रूप से फ़र्ज़ंद अली,असलम,नूर मियां एड, मसूदुर्रहमान,आज़ाद हासमी,वकार एड,ताहिर,अंसार,अशहर हसनैन,फ़िदा हुसैन, दानिश मेराज़, इमरान आदि लोग मौजूद रहें आखिर मे इमाम हुसैन अलैह सलाम पर सलातो सलाम के बाद नज़र ख्वानी हुई और मुल्क मे अमनो आमान के लिए दुआ हुई प्रोग्राम के एखतिमाम कर मजलिस के इन्तिज़ामिया हसनैन मियां ने आये हुए सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया