न्यायपालिका और भाजपा सरकारों के मिलीभगत से चल रहा है बुल्डोजर
साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 159 वीं कड़ी में बोले कांग्रेस नेता
लखनऊ. छतरपुर में कांग्रेस के मुस्लिम नेता का घर बुल्डोजर से तोड़वाने की घटना साबित करती है कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मनमानी की खुली छूट मिली है. ऐसी घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट जानबूझकर स्वतः संज्ञान नहीं लेती. ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 159 वीं कड़ी में कहीं.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि किसी मामले में एफआईआर दर्ज होते ही मामला कोर्ट के अधीन चला जाता है. अगर ऐसे में प्रशासन ख़ुद किसी मुल्जिम के खिलाफ़ कार्यवाई करता है तो यह स्पष्ट तौर पर न्यायपालिका के अधिकारक्षेत्र में हस्तक्षेप है. उन्होंने कहा कि सबसे चिंता और शर्म की बात यह है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र में प्रशासनिक अतिक्रमण पर चुप हैं. इससे साबित होता है कि अभियुक्तों के घरों पर बुल्डोजर चलाने के इस अपराध में न्यायपालिका का एक हिस्सा सीधे-सीधे शामिल है. वह इस अपराध का सहभागी है.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इतिहास मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल को इसलिए याद रखेगा कि उनके समय भाजपा शासित राज्यों में मुसलमान आरोपियों के घरों पर उनकी मौन सहमति से गैर कानूनी तरीके से बुल्डोजर चलाया जाता था. उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों को पता है कि न्यायपालिका उनके इन गैरकानूनी कार्यवाईयों पर चुप रहकर उनके मुस्लिम विरोधी एजेंडा का समर्थन करेगी. ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि विपक्षी राजनीतिक दल और नागरिक समाज न्यायपालिका और भाजपा के आपराधिक सम्बधों पर मुखर होकर सवाल उठाएं. उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी एक मात्र नेता हैं जो संस्थाओं पर आरएसएस के कार्यकर्ताओं द्वारा क़ब्ज़ा कर लिए जाने का सवाल उठाते रहे हैं. उनकी यह बात आज बिल्कुल सही साबित हो गयी है.