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जीवन भर माता-पिता की आज्ञा मानने से भी हक पूरा नहीं हो सकता: सैयद अहरार आलम


खानकाह कादरिया रजाकिया, औरंगाबाद के सज्जादा नशीन की पत्नी के चेहल्लुम के मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित
भागलपुर: औरंगाबाद के प्रसिद्ध एवं सुविख्यात
खानकह के मौलाना सैयद शाह इजाज अहमद कादरी रजाकी की पत्नी बीबी सैयदा कमर जबीन की मजलिस चेहल्लुम का आयोजन किया गया। खानकाह आलिया शहबाजिया के सज्जादा नशीन मौलाना सैयद शाह इंतेखाब आलम शहबाजी की सरपरस्ती में समारोह हुआ, जबकि अध्यक्षता मौलाना सैयद शाह अहमद अत्ता हुस्साम कादरी ने की। सैयद शम्स-उल-जमां बज्मी आदि भी मौजूद थे। इस अवसर पर खानकाह शहबाजिया के मौलाना सैयद शाह अहरार आलम शाहबाजी ने कहा कि माता-पिता को अल्लाह ने जो ऊंचा स्थान दिया है, उसकी कीमत बच्चे कितनी भी अदा कर लें, नहीं चुका सकते । इससे माता-पिता के महत्व और उनकी स्थिति का पता चलता है। लेकिन आज का समाज शरिया कानून पर आधारित है कि माता-पिता की आज्ञा का पालन करने से मनुष्य संसार में अग्रणी बनता है और धर्म में भी अग्रणी होगा, लेकिन माता-पिता की आज्ञा न मानने वाला व्यक्ति संसार में सदैव अपमानित होता रहेगा और दरिद्रता का शिकार होगा इस मौके पर उन्होंने कहा कि मरहूम सैयदा कमर जबीन साहिबा खानकाह कादिरिया रज्जाकिया मौलाना सैयद शाह इजाज अहमद कादरी रज्जाकी की पत्नी होने के नाते मौलाना सैयद शाह इश्तियाक आलम जिया, शहबाजिया के सज्जादा नशीन, शहबाज की बहन थीं और मेरी फूफी थीं। आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी तालीम, उनकी नैतिकता और चरित्र, उनका त्याग और बलिदान हमें उनकी याद दिला रहा है जीवन। कार्यक्रम की शुरुआत ईशा की नमाज के बाद मौलाना काजिम रहमानी की तिलावत से हुई।

इस मौके पर शायर जाकिर इस्माइल मेरठी, जैनुल आबिदीन कानपुर, सगीर अहमद जिया और नाजली नाज आदि ने अपनी नात पेश कीं। इस मौके पर शहर के गणमान्य लोग भी शामिल हुए, जिनमें डिप्टी मेयर डॉ. सलाहुद्दीन अहसन, पूर्व कुलपति प्रोफेसर डॉ. फारूक अली, प्रोफेसर डॉ. शाहिद रजा जमाल, ऐनुल हुदा, फैयाज हसन, सज्जाद आलम नदवी, सैयद इब्नुल हसन खालिद बसरी, सैयद इनामुद्दीन, समीउल्लाह सामरिया, मिनहाज आलम, आजम खान आदि मौजूद थे। अहमद रजा अज़ीज़ी ने कार्यक्रम को सफल बनाने और शहर से आए मेहमानों की मेजबानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।