दिल्ली। दिल्ली पुलिस की कामकाज में उर्दू और फारसी के शब्द अब नजर नहीं आएंगे। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने 344 शब्द हटाने का आदेश कर दिया है। अब एफआईआर में उर्दू व फारसी शब्दों को नहीं लिखा जाएगा। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने एफआईआर में उर्दू व फारसी शब्दों को लिखने की बजाय सरल शब्दों का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने 11 मार्च को एक सकुर्लर जारी किया है। इस सकुर्लर में कहा गया है कि वर्ष 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर दिल्ली पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करते समय उर्दू व फारसी शब्दों के इस्तेमाल को चुन्नौती दी गई थी। इस पर उच्च न्यायालय ने सात अगस्त, 2019 को आदेश पारित कर कहा था कि प्राथमिकी शिकायतकर्ता के शब्दों में होनी चाहिए। बहुत अधिक जटिल भाषा(जिसका अर्थ शब्दकोश की मदद से खोजा जाता है), प्राथमिकी में इस्तेमाल नहीं किए जाने चाहिए। पुलिस अधिकारी आम जनता के लिए काम करते हैं, ना कि उन लोगों के लिए नहीं जो उर्दू या फारसी भाषाओं में डॉक्टरेट की पदवी धारक हैं। जहां तक संभव हो प्राथमिकी में सरल शब्दों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कोर्ट के आदेश के बाद 20 नवंबर, 2019 में प्राथमिकी में सरल शब्दों का इस्तेमाल करने का आदेश दिया था। आदेश के बावजूद एफआईआर में प्राथमिकी में सरल शब्दों को इस्तेमाल नहीं हो रहा है। अब पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने एक बार फिर सरल शब्दों का इस्तेमाल करने के आदेश दिए हैं। साथ ही कहा है कि सभी पुलिस अधिकारियों को जागरूक किया जाए कि प्राथमिकी दर्ज करते समय, अभियोग दैनिकी लिखते समय, सूची और आरोप-पत्र आदि तैयार करते समय अधिक से अधिक सरल शब्दों का इस्तेमाल किया जाए,ताकि शिकायतकर्ता आसानी से शब्दों को समझ सके। सकुर्लर के साथ उर्दू व फारसी के शब्दों का सरल ट्रांसलेशन की एक सूची भी दी गई है।