संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। जिला मुख्यालय का मुख्य बाजार जाम के झाम से मुक्ति नहीं पा रहा। दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण का खुला तांडव है। इसका शिकार आम जनता जब यहां से गुजरती है उसको जूझना पड़ता है। मोटर साईकिल से इन बाजारों में गुजरना किसी सर्कस के करतब से कम नहीं है। जिला प्रशासन ने शहर वासियों को चौक बाजार में रोज के जाम लगभग दो साल पहले प्रयास किया था, लेकिन व्यापारियों ने इसे लागू नहीं होने दिया था। ऐसे में आज भी चौकबाजार में सुबह से रात तक जाम में फंसकर लोग परेेशान होते हैं।
यहां यातायात व्यवस्था में सुधार और जाम के झाम से राहगीरों को निजात पर कोई नई पहल के फिलहाल आसार नजर नहीं आ रहे हैं। शहर के बाशिंदों को बाजार से लेकर प्रमुख चौराहों, बाटा चौराहे से शंकर गुरू चौराहा जो चंद कदमों पर है। मोटर साईकिल 15 मिनट का समय लेती है। यही हाल कैथी बाजार एवं बजाजी का है। शंकर गुरू चौराहा से सब्जी मंडी रोड पर तो अतिक्रमण का गजब है।
यही समझ में नहीं आता की सब्जी की दूकान रोड पर है या रोड सब्जी की दूकान से होकर गई है। पूरे बाजार में दुकानदारों का ऐतिहासिक अतिक्रमण है। ई-रिक्शा की भरमार कोढ़ में खाज साबित हो रहे हैं। खैर, जिला प्रशासन को चाहिये की मुख्य बाजार को अतिक्रमण के चलते उत्पन्न जाम के झाम से मुक्ति दिलाए। इस संबंध में व्यापारियों से वार्ता कर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए।