संवाद।। तौफीक फारूकी
फर्रुखाबाद, 13 साल की उम्र में कमालगंज के मोहम्मद अरहान ने कुरान-ए-पाक का पाठ मुकम्मल कर लिया। कुरान के सभी तीस पारों (अध्याय) को उच्चारण सहित पूरा कराने में उनके उस्ताद हाफिज मोहम्मद जाविर का सहयोग रहा।
कुरान पाठ पूरा करने पर कमालगंज आजाद नगर सराय मोहल्ले में दुआ का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें अरहान को बुजुर्गों और परिजनों ने दुआओं से नवाजा। वहीं, बच्चे ने कुरान की सूरह फातिहा पढ़कर सुनाया। अरहान के पिता फखरुद्दीन ने बताया कि यह उनके और उनकी बीवी और खानदान व रिश्तेदारों के लिए खुशी का मौका है। कुरान को किरत के साथ मुकम्मल कराने मे हाफिज मोहम्मद जाविर का भी सहयोग रहा।
फखरुद्दीन ने कहा अपने बेटे को दीनी और दुनियावी दोनों तालीम दिलाएंगे। अरहान के उस्ताद हाफिज मोहम्मद जाविर ने बताया कि कुरान की तालीम हर मुसलमान के लिए जरूरी है क्योंकि कुरान एक किताब नहीं बल्कि दुनिया में जीने का तरीका है। अल्लाहताला ने अपनी उम्मत को कुरान को उठाने की वह ताकत दी है, जो बड़े बड़े पहाड़ों को भी नहीं मिली। जब कुरान नाजिल हुआ था तो पहाड़ भी लरज गए थे।