हरियाणा

राम रहीम को पैरोल देने वाले जेलर को बीजेपी ने दिया विधानसभा टिकट

चंडीगढ़. भारतीय जनता पार्टी के लिए इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है । बीजेपी हर विधानसभा सीट पर उम्मीदवारों का चयन बहुत सोच समझ कर रही है।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है. यहां पर उन्होंने कई नए चेहरों को टिकट दिया है. इन्हीं चेहरों में शुमार हैं सुनील सांगवान. सुनील सांगवान को भाजपा ने दादरी से टिकट दिया है. सुनील सांगवान के नाम की इसलिए भी चर्चा हो रही है. क्योंकि उन्होंने तीन दिन पहले ही जेल अधीक्षक के पद से वीआरएस ले ली थी. रविवार को उन्होंने सरकार को पत्र लिखा और फिर तुरंत उन्हें सरकार ने रिटायर भी कर दिया. सबसे अहम बात है कि सुनील सांगवान ने रेप और मर्डर केस में सजायाफ्ता डेरा मुखी राम रहीम को अपने कार्यकाल में पेरोल और फरलो दी थी

जानकारी के अनुसार, सुनील सांगवान मौजूदा समय में गुरुग्राम की भौंडसी जेल में तैनात थे. लेकिन इससे पहले, वह रोहतक की सुनारिया जेल में भी जेल अधीक्षक रहे और उनके पांच साल के कार्यकाल के दौरान यहां पर बाबा राम रहीम को छह बार पेरोल दी गई. बता दें कि जेल अधीक्षक की सिफारिश पर ही सरकार किसी भी कैदी को पेरोल और फरलो देती है.

गौरतलब हो कि सुनील सांगवान ने हरियाणा पुलिस में 22 साल तक नौकरी की. राम रहीम को 2017 से लेकर अब तक 10 बार पेरोल-फरलो मिली है, जिसमें छह बार सुनील सांगवान के कार्यकाल में मिली. इस दौरान वह रोहतक जेल में तैनात थे. अहम बात है कि दादरी सीट से वह चुनाव लड़ेंगे और यहां से दंगल गर्ल और महिला पहलवान बबीता फोगाट भी चुनाव लड़ना चाहती थी. 2019 के चुनाव में बबीता यहां से चुनाव हार गई थीं. गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही सुनील सांगवान ने नौकरी से वीआरएस लेने के बाद भाजपा का दामन थामा था और अब उन्हें टिकट दिया गया है.

सुनील सांगवान के पिता सतपाल सांगवान हरियाणा में कैबिनेट मंत्री रहे हैं. वह छह बार दादरी से चुनाव लड़ चुके हैं. बीएसएनएल में एसडीओ की नौकरी छोड़कर सतपाल पहली बार 1996 में दादरी से चुनाव लड़े थे. सतपाल सांगवान दादरी के विधायक बने तो बंसीलाल ने उन्हें बुलडोजर का नाम दिया था. करीब 28 वर्षों की राजनीति में सांगवान लगातार छह चुनाव लड़े, लेकिन दो बार जीत मिली और मंत्री भी बने. पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल ने उन्हें सियासत में उतारा था.

साल 2009 में सतपाल सांगवान ने हरियाणा जनहित कांग्रेस (एचजेसी) की तरफ से चुनाव लड़ा और जीता था. इस दौरान कांग्रेस सरकार बनी थी. हालंकि, बहुमत नहीं था तो उन्हें समर्थन दिया था. फिर सतपाल सांगवान को हुड्डा सरकार में मंत्री बनाया गया. हालांकि, 2014 वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार गए. फिर 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकटा काटा तो वह फिर जननायक जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. अब उन्होंने भाजपा का दामन थामा है.