संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। बिजली संकट से लोगों का बुरा हाल है। आपूर्ति का आलम लप -झप की लुका -छिपी खेल रहा है। रात में तो बिजली शहर वासियों की नींद हराम कर देती है। कोई कुछ दावे करें बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतरी हुई है। ट्रांसफार्मर लोड से हाय – दईया कर कराह रहें हैं।कहीं ट्रांसफार्मर फुंकने से तो कहीं लाइन में फाल्ट आने से यह दिक्कत हो रही है। बिजली की आंख -मिचौली से लोग बिलबिला रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी इस समस्या को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहे हैं।
शहर में बिजली की आपूर्ति पटरी से उतर गई है। 24 घंटे बिजली देने के दावों की हवा निकल गई है। भीषण उमस भरी गर्मी लोड अधिक होने से आए दिन ट्रांसफार्मर फुंक रहे है। लाइने टूट रही है।
उधर, विभाग की सब स्टेशन सहित ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने की हो रही कवायदें “चीं” बोल रही हैं। दिन तो किसी तरह लोग कटता है लेकिन सबसे बुरी दशा रात के समय होती है। हर पांच मिनट में बिजली जानें और आने का खेल आधी रात के बाद तक जारी रहना नियत बन गया है। भरपूर नींद व आराम न मिलने से लोग बड़ी संख्या में बीमार हो रहे है।