मावर :- हुजु़र सैय्यदना सैय्यद क़ाज़ी मुतहर क़िला शेर रजिअल्लाह अन्हु आप सरकारे सरकांरा सैय्यद बद्दिउद्दीन अहमद पीर ज़िन्दा शाह कुतबुल मदार रजिअल्लाह अन्हु
के बड़े जलीलुल कद्र ख़लीफा है। आपका उर्से शरीफ़ हर साल 10 रब्बिउल अव्वल शरिफ को मावर शरीफ़, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है ।
आपसे गिरोह आशिकान वजुद में आया।
इस लिए आपको इमाम सिलसिला आशिकान कहा जाता है।
आपके ज़माने में जो लोग मुकामे मुहब्बत और मरतब ए इश्के इलाही के जानशिन थे, जिनका शौक व इश्तियाक इश्के हक में नुमायां था, जो जमाले यार के तमाशाई और हुस्ने अज़ल के मुश्ताक व तमन्नाई थे । हुजूर मदारे पाक ने इन आशिकाने जांबाज़ को बुरहानुल आशिकीन हुजुर सैय्यदना काज़ी मुतहर किल्ला शेर के सुपुर्द फ़रमाया । आपकी तरबियत से जो लोग मरतबए कमाल को पहुँचे । इन्हें आशिकान के नाम से शोहरत मिली । जो मन्सबे इश्क के जानशीन थे उन सभी को आशिकान कहा गया। आशिकाने इलाही और जाॅऺबाजाने जाते लामुतनाही को आशिकान के लकब से याद किया जाता है। आपके आस्ताना शरीफ में आपके चाचा मोहतरम की भी मजार शरीफ हैं।
आपके चाचा आपके ख़लीफा और जानशीन हुए। जिनका नाम हज़रत सैय्यदना क़ाज़ी हमीद’उद्दीन आशिकान ए मदार रजिअल्लाह अन्हु है।
गिरोहे आशिकान में बहुत बड़े जलीलुल कद्र बुजुर्ग गुज़रे हैं।
जिनमें, हुजुर सय्यदुत्तायफा़ मोहम्मद शाह राजे दहेल्वी रजिअल्लाह अन्हु, कुत्बे आलम हज़रत सैय्यद शाह अब्दुल गफुर उर्फ बाबा कापूर मज्जुब ग्वालियरी रजिअल्लाह अन्हु।
आपका शोहरा सिर्फ ग्वालियर ही नहीं बल्कि पूरे मुल्के हिन्दुस्तान में हुआ,आज आपको पुरी दुनिया जानती है।
विलायत के अज़ीम मन्सब पर फायज हुए आपका नाम हज़रत सैय्यदना दादा इमाम नौरोज आशिकान ए मदार रजिअल्लाह अन्हु, आपकी दरगाह शरीफ कळंब, यवतमाल, महाराष्ट्र में है।
क़ुतुबे दख्खन हज़रत सैय्यद मिरां हुसैनी अल मक्खा शाही आशिकान ए मदार रजिअल्लाह अन्हु, आपकी दरगाह शरीफ़ नांदेड़, महाराष्ट्र में है।
हज़रत शाह चाॅऺद नायब नौरोज रजिअल्लाह अन्हु,
आपका आस्ताना शरीफ़ सहाबी ए रसुल हज़रत बाबा रतन बिन साहुक बिन जन्दल के आस्ताना शरीफ़ के पास है,भटिण्डा पंजाब में है।
हज़रत मिंरा शाह बल बल जती रजिअल्लाह अन्हु, आप गिरोह आशिकान के अज़ीम मलंग गुज़रे हैं,
आपका आस्ताना शरीफ, धामोनी, जिला सागर, मध्यप्रदेश में है।
हज़रत सैय्यद शुलुशबाबा आशिकान ए मदार रजिअल्लाह अन्हु
बड़े कश्फो करामत वाले बुजुर्ग गुज़रे हैं, जिनका आस्ताना शरीफ़ मु.पो पितापुर, अक्कलकोट, सोलापुर, महाराष्ट्र में है।
ये सभी बुजुर्ग गिरोह आशिकान से तअल्लुक रखते हैं ।
हज़रत सैय्यदना काज़ी मुतहहिर कुल्ला शेर मावर’उन्नहरी
रज़ियल्लाहु अन्हु से गिरोहे आशिकान जारी हुआ है।
आपसे सिलसिला ए मदारीया हिन्दुस्तान में ही नहीं बल्कि हिन्दुस्तान के बाहर के मुल्कों में भी फैला हुआ है।
आपका आस्ताना शरीफ़ मावर शरीफ़, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश में है।
सैय्यद क़ाज़ी उमर आशिकान ए मदार
(मावर शरीफ़, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश)
(दुआगो झहीरुद्दीन आशिकान ए मदार)
(दरगाह शरीफ़, मु.पो पितापूर, अक्कलकोट, सोलापुर, महाराष्ट्र )
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